The Chopal

यूपी में AI द्वारा पकड़ी गई GST की चोरी, करोड़ों का है मामला

UP News -यूपी ने अब तक की सबसे बड़ी जीएसटी चोरी को AI की मदद से पकड़ा है। गाजियाबाद में एक फर्म ने 19 करोड़ 66 लाख रुपये का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया था। नीचे खबर में पूरी जानकारी मिलेगी..

   Follow Us On   follow Us on
यूपी में AI द्वारा पकड़ी गई GST की चोरी, करोड़ों का है मामला 

The Chopal, UP News - Ghaziabad GST Evasion में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की मदद से राज्य की अब तक की सबसे बड़ी जीएसटी चोरी पकड़ी गई है। जीएसटी चोरी को रोकने के लिए राज्य कर विभाग के कर्मचारियों को लगाया गया है। उन्हें इस काम में भी विभाग का आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) मिल रहा है। एक फर्म ने एक ही वित्तीय वर्ष में 19 करोड़ 66 लाख रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट विभाग से फर्जी ढंग से लिया था।

जब फर्म ने अपना रिटर्न दाखिल करना शुरू किया, सिस्टम AI ने इसका विश्लेषण किया। जिसमें पता चला कि फर्म द्वारा जो भी आईटीसी क्लेम किया गया है, वह पूरी तरह से गलत है। फिर फर्म के मालिक ने विभाग को 19 करोड़ 66 लाख रुपये देने के लिए दबाव डाला। एक करोड़ रुपये कैश में हैं और बाकी रकम उसके बैंक खाते से ली गई है।

राज्य कर विभाग हर महीने व्यापारियों और फर्मों द्वारा दाखिल किए गए रिटर्न की जांच करता है, जो ई-वे बिल से जुड़ा हुआ है। कॉर्पोरेट सर्कल के मुख्य कमिश्नर दीपरतन सिंह ने इसी प्रकार इंदिरापुरम क्षेत्र में पेंट बेचने वाली फर्मों की जांच शुरू की।

परीक्षण में पता चला कि इस वित्तीय वर्ष में की गई खरीद पर एक फर्म ने IGST की मद में मासिक रिटर्न GSTR-3B में लगभग 20 करोड़ रुपये की अधिक ITC प्राप्त की है। AI ने इसे पकड़ लिया। इसके बाद विभागीय अधिकारी खुद इसकी जांच की। गड़बड़ी की पुष्टि होने पर, संबंधित फर्म को नोटिस भेजा गया और अतिरिक्त आईटीसी वसूला गया।

सिस्टम इस तरह काम करता है:

अधिकारियों ने कहा कि सिस्टम में इंटेलिजेंस है, जो व्यापारियों और फर्मों की हर गतिविधि को देखता है। यह टैक्स कंप्लायंस की निगरानी करता है, रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों की पहचान करता है, करदाताओं का प्रोफाइल जानता है, अयोग्य इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) दावों की पहचान करता है, करदाताओं की प्रोफाइल जानता है, डीलर 360 के माध्यम से करदाताओं के बारे में पूरी जानकारी पाता है, जोखिम आधारित विश्लेषण करता है, घोषित टर्नओवर

इस मामले में रेड फ्लैग-

अधिकारी कहते हैं कि नए व्यापारियों ने अधिक ई-वे बिल डाउनलोड किए हों, रिटर्न में विसंगति हो, टैक्स नहीं जमा कर रहे हों या आईटीसी से गलत लाभ ले रहे हों। ऐसे व्यापारी को AI पोर्टल पर लाल फ्लैग दिखाना शुरू होता है। फिर विभागीय अधिकारी ऐसे उद्यमियों की जांच करने लगते हैं। जांच के बाद नोटिस जारी कर टैक्स वसूलने का कार्य शुरू होता है।

ये पढ़ें - Gurugram Jaipur हाइवे पर बनाए जाएंगे फ्लाईओवर और 2 अंडरपास, बिलासपुर वालों को फायदा