HDFC Bank ने अपने करोड़ों ग्राहकों को दी बड़ी खुशखबरी, MCLR किया कम, होम लोन EMI पर पड़ेगा असर
HDFC Bank Update - नए वर्ष पर, देश का सबसे बड़ा निजी क्षेत्र बैंक HDFC ने अपने ग्राहकों को एक खास गिफ्ट दिया है। 7 जनवरी 2025 से HDFC Bank ने अपनी नई MCLR दर लागू की है। ग्राहकों को लोन की ब्याज दरों में कमी मिलेगी, जिससे उनकी मासिक किस्तें कम हो सकती हैं क्योंकि MCLR में कमी होगी।

The Chopal, HDFC Bank Update - नए वर्ष पर, देश का सबसे बड़ा निजी क्षेत्र बैंक HDFC ने अपने ग्राहकों को एक खास गिफ्ट दिया है। बैंक ने कुछ पीरियड लोन पर मार्केट कास्ट लेंडिंग रेट (MCLR) को 0.05 प्रतिशत कम किया है। ओवरनाइट, छह महीने, एक साल और तीन साल के लोन पीरियड इस कमी से प्रभावित हुए हैं। अन्य पीरियड के लिए MCLR दर, हालांकि, पहले की तरह बनी रहेगी। 7 जनवरी 2025 से HDFC Bank ने अपनी नई MCLR दर लागू की है। MCLR में कमी होने से ग्राहकों की लोन की ब्याज दरें कम हो सकती हैं, जिससे उनकी मासिक किस्तें कम हो सकती हैं और उनका आर्थिक बोझ कम होगा।
Hdfc Bank ने 7 जनवरी 2025 से नई MCLR दरें जारी की हैं।
- HDFC Bank का ओवरनाइट MCL R 9.15% है। यह पहले 9.2% था, जिसमें 0.05% की दर घटाई गई।
- एक महीने का MCLआर 9.2% है। इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।
- तीन महीने की एमसीएलआर 9.30% है। इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
- छह महीने की एमसीएलआर 9.45% थी, जो घटकर 9.40% हो गई है। बैंक ने रेट 0.05% कम किया है।
- एक साल का MCLआर 9.45% था, जो घटाकर 9.40% हो गया है। इसमें बैंक ने रेट को 0.05 प्रतिशत कम किया है।
- दो साल से अधिक पीरियड (period) के लिए MCLR 9.45% है। इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
- तीन साल से अधिक पीरियड के लिए एमसीएलआर 9.5% था, जो घटकर 9.45% हो गया है। 0.05 प्रतिशत का बदलाव किया गया है।
MCLR बढ़ता या घटता है?
होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन जैसे फ्लोटिंग लोन की EMI बैंक के मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स पर आधारित लेंडिंग रेट (MCLR) में बदलाव से प्रभावित होती है। लोन का ब्याज दर बढ़ता है जब MCLR बढ़ता है और घटता है जब यह कम होता है। इससे आपके लोन की EMI (EMI) इंटरेस्ट सीधे प्रभावित होता है। आपको कार या घर खरीदने के लिए लोन लेने पर पहले से कम ब्याज मिल सकता है। पुराने लोन धारकों की मंथली ईएमआई (मैंटल ईएमआई) भी घट सकती है।
MCLR का निर्धारण कैसे होता है?
Marginal Cost of Funding Based Lending Rate (MLC) तय करते समय कई महत्वपूर्ण कारक ध्यान में रखे जाते हैं, जैसे ऑपरेशनल खर्च, रेपो रेट, डिपॉजिट रेट और कैश रिजर्व रेशो (cash reserve ratio)। MCL R (MCLR) रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में किए गए बदलावों से सीधे प्रभावित होता है। MCCLR में परिवर्तन लोन की ब्याज दर पर प्रभाव डालता है, जिससे लोन लेने वालों की EMI बढ़ या गिर सकती है। इस प्रकार, MCL में गिरावट से लोन की मासिक किस्तों पर काफी असर पड़ता है।