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Home Loan वालों को लगा तगड़ा झटका, EMI में नहीं आएगी कमी, RBI ने किया साफ

Repo rate update - भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा बदलाव किया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज (8 फरवरी) मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा की गई है। एक बार फिर, रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। वहीं, होम लोन वालों ने पूरी तरह से उम्मीद की कि सरकार रेपो रेट में कमी करेगी। लेकिन सरकार के इस निर्णय से होम लोन लेने वालों को भारी नुकसान हुआ है। 

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Home Loan वालों को लगा तगड़ा झटका, EMI में नहीं आएगी कमी, RBI ने किया साफ 

The Chopal, Repo rate update - RBI ने फिर से रेपो रेट को स्थिर रखने का निर्णय लिया है। 6 फरवरी को, रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की बैठक शुरू की। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज (8 फरवरी) मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा की है। रेपो रेट को फिर से केंद्रीय बैंक ने यथावत रखा है। रेपो रेट लगातार छठी बार 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय लिया गया है। आरबीआई के निर्णय के बाद ब्याज दर एक बार फिर से 6.5 प्रतिशत पर बनी हुई है। लोगों ने सोचा कि रिजर्व बैंक इस बार रेपो रेट में कमी करके लोन को सस्ता बना देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सस्ते लोन मिलने तक इंतजार करना होगा।

गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य से अस्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। महंगाई भी कम होने लगी है। उन्हें बताया कि इस बार की बैठक में व्यापक चर्चा हुई है और कमिटी ने निर्णय लिया है कि रेपो रेट को अभी 6.5 प्रतिशत पर ही रखा जाएगा। पांच में से छह सदस्यों ने इस पक्ष में निर्णय लिया है।

दरें एक साल से स्थिर हैं

करीब एक वर्ष से, आरबीआई ने रेपो रेट 6.5% पर बरकरार रखा है। फरवरी 2023 में, आरबीआई ने रेपो रेट पिछली बार 0.25% बढ़ाकर 6.25% से 6.50% कर दिया था। वहीं दिसंबर 2023 में खुदरा महंगाई दर 5.69% थी। इसलिए इस बार भी रेपो रेट बदलने की संभावना कम थी। Real Estate experts ने भी उम्मीद जताई कि RBI रेपो रेट को डेवलपर्स और होम बॉयर्स को ध्यान में रखेगा।

रेपो रेट का क्या अर्थ है?

पब्लिक और कमर्शियल बैंक आपकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रिजर्व बैंक से लोन लेते हैं, ठीक उसी तरह। बैंकों को भी ब्याज चुकाना होगा, जैसे आप कर्ज पर ब्याज चुकाते हैं। यानी भारतीय रिजर्व बैंक बैंकों को लोन देने वाली ब्याज दर को रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट कम होने से बैंकों को कम ब्याज पर लोन मिलेगा। बैंकों को सस्ता लोन मिलेगा तो उन्हें अपने ग्राहकों को भी सस्ता लोन देंगे। यानी रेपो रेट कम होने से आम लोग लाभ उठाते हैं। आम आदमी की मुश्किलें भी बढ़ती हैं जब रेपो रेट बढ़ता है।

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