House Renting: घर किराये पर देने वाले मकान मालिक करें ये जरुरी काम, अन्यथा लगेंगे कोर्ट-कचहरी के चक्कर

TheChopal: House Renting: महंगाई के इस दौर में अपनी आय को बढ़ाने के लिए ज़्यादातर लोग अपना घर या घर का कोई कमरा किराए पर दे देते हैं। लेकिन ज़्यादातर मकान मालिकों को इस बात का ज्ञान नहीं है कि बिना जानकारी के मकान किराए पर देने से उनको काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और कई बार तो मकान मालिक को कोर्ट के चक्कर लगाने पर भी मजबूर होना पड़ता है। इसलिए मकान मालिकों को मकान किराए पर देने से पहले कुछ बातों के बारे में जानना बहुत ज़रूरी है, जिससे उन्हें भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
किरायेदार की जानकारी
यदि आप अपना मकान किसी को किराए पर देते हैं तो सबसे पहले आपको किरायेदार के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना ज़रूरी है। इसके लिए आपको किरायेदार का नाम, आधार कार्ड, नौकरी या शिक्षा के बारे में सही जानकारी लेनी चाहिए। इसके अलावा किरायेदार का पुलिस वेरिफिकेशन भी ज़रूर करवाएं।
लिखित रेंट एग्रीमेंट बनवाएं
मकान किराए पर देने से पहले मकान का रेंट एग्रीमेंट ज़रूर बनवाएं, जिसमें डिपॉज़िट, किराया बढ़ाने की अवधि, किराए की राशि और मकान की देखरेख के बारे में सभी प्रकार की जानकारी सही तरह से दी गई हो। लिखित एग्रीमेंट के बिना किसी को भी अपना मकान किराए पर न दें। साथ ही एग्रीमेंट में समझौता खत्म करने के नियमों की जानकारी अवश्य दें।
सिक्योरिटी डिपॉज़िट
किराए की राशि को सुरक्षित करने के लिए किरायेदार से सिक्योरिटी के तौर पर कुछ पैसे एडवांस में जमा अवश्य करवाएं। नियमों के अनुसार तो यह राशि लगभग 3 महीने के किराए के बराबर होती है, और जब किरायेदार मकान खाली करता है तो यह राशि उसे वापस लौटा दी जाती है।
बिजली-पानी का हिसाब रखें अलग
ज़्यादातर मकान मालिक और किरायेदार के बीच में बिजली और पानी के बिल को लेकर झगड़े शुरू हो जाते हैं, इसलिए इन विवादों से बचने के लिए शुरू में ही इनसे संबंधित सभी बातें तय कर लेनी चाहिए और इन सब बातों को एग्रीमेंट में लिखवाना चाहिए, ताकि भविष्य में इन बातों को लेकर किसी भी प्रकार का कोई विवाद न हो।