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ITR भरते समय कर लिया यह काम, तो घर से खरीदते समय होगा तगड़ा फायदा

घर खरीदते समय इनकम टैक्स रिटर्न फाइल में क्लेम किया जा सकता है। घर खरीदते समय इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट मिलती है।
 
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ITR भरते समय कर लिया यह काम, तो घर से खरीदते समय होगा तगड़ा फायदा

The Chopal, Tax Saving : देश में प्रॉपर्टी खरीदना एक लोकप्रिय ट्रेंड बन चुका है। क्योंकि प्रॉपर्टी में हर साल अच्छा खासा मुनाफा बन जाता है। इसलिए बहुत से लोग घर दुकान और प्लाट खरीदते हैं। आयकर अधिनियम, 1960 के प्रावधानों के अनुसार, आप भी संपत्ति के रजिस्ट्रेशन के लिए चुकाई गई स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty) या पंजीकरण शुल्क पर टैक्स छूट के हकदार हैं। आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत स्टांप शुल्क, पंजीकरण शुल्क और अन्य खर्चों पर अधिकतम 1.5 लाख रुपये की कटौती की जा सकती है। स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज चुकाने वाले लोग घर खरीदने वाले वर्ष में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते वक्त छूट का अनुरोध कर सकते हैं, जो सेक्शन 80C में बताया गया है।

भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी (xviii)(d) में कहा गया है कि संपत्ति खरीदने या हस्तांतरित करने पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस जैसे खर्चों पर टैक्स छूट का लाभ केवल आवासीय संपत्ति पर ही मिल सकता है। यही कारण है कि रेजिडेंशियल संपत्ति खरीदना आवश्यक है अगर आप 1.5 लाख तक की कमाई करना चाहते हैं।

छूट का दावा कौन कर सकता है?

स्टाम्प ड्यूटी पर टैक्स छूट का दावा हिंदू अविभाजित परिवारों, सह-मालिकों या व्यक्तिगत मालिकों द्वारा किया जा सकता है। संयुक्त स्वामित्व में, सह-मालिकों को उनके हिस्से के अनुसार छुट्टी मिलती है। इसके लिए संपत्ति के सभी मालिकों के नाम पर पंजीकृत होना और स्टांप ड्यूटी देना आवश्यक है। यदि संपत्ति के हिस्सेदारों के अलावा कोई और व्यक्ति स्टाम्प ड्यूटी चुकाता है, तो संपत्ति के सह-मालिकों को टैक्स कटौती का लाभ नहीं मिलेगा।

यह शर्त पूरी करना अनिवार्य है

स्टांप ड्यूटी पर टैक्स छूट का लाभ उसी वित् तीय वर्ष में उठाया जा सकता है, जिस वित् तीय वर्ष में आईटीआर फाइल की जाती है। इसका अर्थ है कि 2023-24 में आईटीआर भरते वक् त आप सिर्फ इसी वर्ष में चुकाई गई स् टॉप ड्यूटी पर छूट का दावा कर सकते हैं, पिछले वर्ष में खरीदे गए मकान पर नहीं।

कब्जा आवश्यक है

आप पहले मालिक के रूप में उसी रेजिडेंशियल संपत्ति के लिए चुकाई गई स्टाम्प ड्यूटी में छूट का दावा कर सकते हैं। आपके पास यानी संपत्ति होनी चाहिए। निर्माणाधीन संपत्ति स्टाम्प ड्यूटी टैक्स बेनिफिट्स के लिए योग्य नहीं है।

5 साल की छुट्टी

जिस संपत्ति की खरीद में स्टाम्प ड्यूटी पर कर छूट (टैक्स बेनिफिट्स ऑन स्टाम्प ड्यूटी) का लाभ उठाया गया है, वह पांच साल तक बेची नहीं जा सकती। यदि कोई इस अवधि से पहले संपत्ति बेचता है, तो छूट का लाभ उस वर्ष का आईटीआर में बदल जाता है और स्टाम्प ड्यूटी कटौती पर टैक्स लगता है।

यह शर्त भी लागू है

स्टांप ड्यूटी पर कर कटौती के लिए आपने सेक् शन 80सी के तहत दी गई 1.5 लाख की अधिकतम छूट सीमा को भी पूरा नहीं किया होगा। इसका अर्थ है कि आप स्टांप ड्यूटी पर टैक्स छूट का दावा नहीं कर सकते अगर आपने ईपीएफ, पीपीएफ, एससीएसएस, जीवन बीमा पॉलिसी, एलएसएस आदि में 1.5 लाख तक की छूट प्राप्त की है। यदि इन निवेश विकल्पों पर छूट का दावा करने के बाद भी आप 1.5 लाख रुपये से कम की छूट प्राप्त करते हैं, तो आप स्टांप ड्यूटी पर भी टैक्स छूट के हकदार हैं।

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