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Income Tax : अगर पुराना घर बेचने का प्लान बना रहे है, तो जान ले इनकम टैक्स का नियम

इनकम टैक्स नियम के अनुसार, संपत्ति बेचने पर मालिक को धन पर टैक्स देना होगा, चाहे वह लाभ या हानि हो। इस टैक्स की गणना कैपिटल गेन्स में की जाती है। चलिए पढ़ते है पूरी जानकारी 

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Income Tax : अगर पुराना घर बेचने का प्लान बना रहे है,  तो जान ले इनकम टैक्स का नियम 

The Chopal,Income Tax : नए साल में घर या जमीन बेचने का प्लान बना रहे हैं तो आपको एक बार टैक्स नियमों को जान लेना चाहिए। दरअसल, घर बेचने पर आपको मिलने वाली रकम पर भी टैक्स लगता है। इनकम टैक्स नियम के मुताबिक, संपत्ति बेचने पर मालिक को धन पर टैक्स देना होगा, चाहे वह लाभ या हानि हो। इस टैक्स को कैपिटल गेन्स टैक्स कहा जाता है, क्योंकि यह गणना कैपिटल गेन्स के अंतर्गत की जाती है। CA राहुल कुमार अग्रवाल से कैपिटल गेन्स टैक्स के बारे में पूछें।

Long Term Capital Gains

राहुल कहते हैं कि घर खरीदने के 24 महीनों, यानी दो साल बाद बेचा जाएगा, और बिक्री से हुए फायदे पर टैक्स दिया जाएगा। बिक्री से हुए फायदे पर 20% टैक्स लगेगा। इसके बावजूद, आप इस मामले में टैक्स छूट की मांग कर सकते हैं। 

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स

अगर आपने घर या जमीन को खरीदने के 24 महीनों के अंदर बेच दिया, तो मुनाफा आपकी आय का हिस्सा बनता है और आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स की गणना की जाती है।

होम लोन के नियमों को समझें

अब अगर आपने खरीदारी वाले फाइनेंशियल वर्ष के अंत के पांच साल के भीतर घर बेच दिया या ट्रांसफर कर दिया, तो सेक्शन 80C के अंतर्गत जो भी छूट आप प्राप्त कर रहे हैं या प्राप्त कर चुके हैं, वे सभी फायदे वापस मिल जाएंगे। पिछले वर्ष सेक्शन 80C के तहत जो भी टैक्स छूट ली गई है, वह प्रत्येक घर बिकने वाले वर्ष में आपकी आय का हिस्सा होगा। आसान शब्दों में, आपकी मकान बिक्री के वर्ष में टैक्स देनदारी बढ़ जाएगी। 

कैपिटल गेन्स पर टैक्स छूट कैसे प्राप्त करें?

राहुल का कहना है कि मकान बेचने के बाद कैपिटल गेन् स पर कर छूट लेने के लिए आयकर कानून के सेक्शन 54 का नियम देखना चाहिए। टैक्सेबल कैपिटल गेन् स, सेक्शन 54 के अनुसार, नए घर में निवेश की गई राशि टैक्सेबल कैपिटल गेन् स से घट जाती है। इस लाभ को प्राप्त करने के लिए, आपको एक नई निवास संपत्ति खरीदनी चाहिए या एक घर बनाना चाहिए। ये संपत्ति ट्रांसफर की तिथि से दो वर्ष के भीतर खरीदी जानी चाहिए। यदि संपत्ति का निर्माण चल रहा है तो यह तीन वर्ष के भीतर पूरा होना चाहिए अगर यह ट्रांसफर की तिथि के बाद हुआ है। 

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