Income Tax Notice : 10 से 15 हजार कमाने वालों को मिला इनकम टैक्स विभाग से 7 करोड़ का नोटिस
Income Tax Notice : आयकर विभाग आयकर वसूलने के लिए ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहा है। टैक्स वसूलने के लिए विभाग लगातार नोटिस जारी करता है। आयकर विभाग से नोटिस मिलने के बाद लोग खुश हैं। हाल ही में 10-15 हजार रुपये कमाने वालों को करोड़ों रुपये के नोटिस भेजे गए हैं।

The Chopal, Income Tax Notice : आयकर विभाग अभी भी काम कर रहा है। टैक्स गड़बड़ी पर नोटिस भेजे जा रहे हैं। आयकर नोटिस मिलने के बाद लोग हैरान हैं। आयकर विभाग लगातार काम कर रहा है। हालाँकि, कुछ जगहों पर भी करोड़ों के नोटिस भेज दिए गए हैं, जबकि उनकी आय केवल 10 से 15 हजार रुपये है।
रेहड़ी वालों को करोड़ों के नोटिस
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में रेहड़ी मालिकों को करोड़ों के टैक्स नोटिस भेजे गए हैं। आयकर विभाग ने जिन रेहड़ी वालों को नोटिस भेजे हैं, वे एक अंडा और दूसरा जूस बेचते हैं। दोनों को पता नहीं है कि उनके ऊपर आखिर किस बात का बकाया टैक्स लगाया गया है।
दोनों परिवारों में कमाई करने वाला एकमात्र व्यक्ति
उनके पास आयकर विभाग (Income Tax Notice) से नोटिस क्यों भेजा गया है, इसकी कोई जानकारी नहीं है। रिपोर्ट बताती है कि दोनों अपने-अपने परिवार में अकेले कमाई करते हैं। एक उत्तर प्रदेश में है, जबकि दूसरा मध्य प्रदेश में है। दोनों अपना जीवन चलाने के लिए रेहड़ी बनाते हैं।
50 करोड़ रुपये के नोटिस
इनकम टैक्स विभाग ने एक अंड़ा बेचने वाले यूपी के प्रिंस को 50 करोड़ रुपये के कारोबार के लिए नोटिस भेजा है। आयकर के पत्र में 6 करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया बताया गया है। आयकर विभाग ने प्रिंस से पचास करोड़ रुपये के लेनदेन से जुड़े दस्तावेजों के अलावा बकाया चुकता करने की मांग की है।
नाम पर कंपनी
आयकर विभाग की आयकर नोटिस के अनुसार प्रिंस के नाम पर एक कंपनी रजिस्टर्ड है। प्रिंस एंटरप्राइजेज नामक एक कंपनी का रजिस्टर 2022 में दिल्ली स्टेट जोन 3 के वार्ड 33 में है। कम्पनी लकड़ी, चमड़ा और लोहे का व्यापार करती है। नोटिस के अनुसार, दो साल में कंपनी ने बहुत कुछ किया।
7.79 करोड़ रुपये का जूस खरीदने वाले को नोटिस
अब एक जूस बेचने वाले को भी इनकम टैक्स विभाग से 7.79 करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया नोटिस भेजा गया है। यह पत्र मोहम्मद रहीस को प्रेषित किया गया है। यह नोटिस पूरे परिवार को परेशान करता है। उनका दावा है कि उन्होंने कभी इतने पैसे नहीं देखे हैं। आयकर विभाग ने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने किसी को निजी कागज दिए थे, जिस पर उन्होंने मना कर दिया।