Income Tax Raid : इनकम टैक्स की रेड में जब्त कीये पैसे का क्या होता है, जानिए कैसे पड़ता है IT का छापा
Income Tax raid news : इनकम टैक्स अधिकारी आय से अधिक संपत्ति और टैक्स चोरी के मामलों में बड़ी रकम जब्त करते हैं। इस तरह की घटनाएं अक्सर सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बनती हैं। इनकम टैक्स रेडिंग नियम अक्सर बड़ी मात्रा में नकदी और सोना देते हैं। इन अधिकारियों को जब्त की गई संपत्ति का रखरखाव और उपयोग करने के कड़े नियम हैं। जब्त किए गए धन और कीमती वस्तुओं के नाम और उनका क्या होता है, इसके बारे में भी विशिष्ट नियम हैं। समाचार में इन नियमों और इनकम टैक्स की रेड के मुख्य आधारों को पढ़ें।

The Chopal, Income Tax raid news : कई लोगों को इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई का नाम सुनते ही पसीना आने लगता है। जब विभाग रेड करता है तो सीन क्या होगा, यह सवाल भी कई लोगों के मन में रहता है। इनकम टैक्स विभाग अचानक छापा मारता है, लेकिन यह अब आम है। फिर भी, छापे के दौरान जब्त की गई रकम का मूल्य सबसे महत्वपूर्ण है। यह आम तौर पर बहुत से लोगों के लिए एक रहस्य है।
रेड डालने की प्रक्रिया इस प्रकार की जाती है:
छापे के दौरान अधिकारी बहुत सारे दस्तावेज और संपत्ति जब्त करते हैं (आयकर छापे के पैसे), लेकिन असली प्रक्रिया पर पर्दा पड़ा रहता है। इन छापों के पीछे एक गहरी इनकम टैक्स टीम जांच है, जो किसी व्यक्ति या कंपनी की वित्तीय गतिविधियों को देखती है। जब कोई संदिग्ध मामला सामने आता है, तो आईटी रेड की जाती है. जांच पूरी होने के बाद ही असली सच्चाई सामने आती है। उसके बाद यह निर्धारित होता है कि कब्जा किया गया पैसा क्या होगा। संपत्ति की वैधता को सुनिश्चित करने और कर चोरी से निपटने के लिए यह प्रक्रिया की जाती है।
कार्रवाई इस प्रकार पूरी की जाती है:
आयकर विभाग के अधिकारी अचानक पुलिस सुरक्षा में आते हैं। वे संदिग्ध संपत्ति की तलाश करते हुए बहुत सारे पैसे बरामद करते हैं। Income tax ka chaapa (छापेमारी) के दौरान उन पैसों को गिनने के लिए अधिकारी विशिष्ट उपकरणों का उपयोग करते हैं। इस तरह की कार्रवाई से अक्सर बड़े-बड़े धोखाधड़ी और हेराफेरी के मामले सामने आते हैं, जिसके परिणामस्वरूप विभाग उस धन को जब्त करता है, यानी संपत्ति को जब्त करता है। ये तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
इस आधार पर आयकर विभाग रेड करता है—
जयपुर के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने बताया कि इनकम टैक्स विभाग (IT raid rules) पहले संदिग्ध व्यक्ति और उसकी जगह जानता है। फिर उच्च अधिकारियों की अगुवाई में कार्रवाई की जाती है। इसके बाद सर्च ऑपरेशन को आदेश दिया जाता है। यह प्रक्रिया पूरी होने पर एक टीम बनाकर वित्तीय जांच शुरू की जाती है। ताकि सही जानकारी और सबूत (IT raids) मिल सकें, इस पूरी प्रक्रिया में सावधानी और सभी नियमों का पालन करना आवश्यक है।
टीम को भी इस बारे में नहीं बताया जाता—
सेवानिवृत्त अधिकारी ने इनकम टैक्स रेड को लेकर कहा कि कार्रवाई से पहले भी जांच टीम के सदस्यों को किसकी जांच करनी है या कहां जाना है। संदिग्ध का नाम और स्थान पूरी तरह से गुप्त रखे जाते हैं। इसका कारण यह है कि कोई जानकारी लीक नहीं हुई है, जो कार्रवाई को प्रभावित कर सकता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से गोपनीयता से (IT जांच की गोपनीयता) की जाती है ताकि कोई पूर्व सूचना न मिल सके और कोई संदेह न हो। यानी जहां रेड पड़ती है, उसे कोई मौका नहीं मिलता। यह सब अचानक हुआ।
सर्च ऑपरेशन कैसे करें:
टैक्स सर्च ऑपरेशन पूरी तरह से तैयार है। सर्च ऑपरेशन टीम में कई लोग काम करते हैं। संबंधित व्यक्ति को आईटी सर्च ऑपरेशन वारंट (IT search operation warrant) देकर अभियान शुरू होता है। इस दौरान किसी को जांच स्थल से बाहर जाने की अनुमति नहीं है। ताकि अभियान पर कोई असर न पड़े, जांच (Money Laundering) की प्रक्रिया में किसी भी बाहरी व्यक्ति से इंटरफेयर या बातचीत की अनुमति नहीं होती।
स्थिति को भांपते हुए अधिकारी यह निर्णय ले सकते हैं:
रेड के दौरान किसी व्यक्ति ने फोन का उपयोग करने का निर्णय स्थिति पर निर्भर करता है। स्थिति का आकलन करके अधिकारी निर्णय लेते हैं। आयकर अधिकारियों (Income Tax Raid) से भी वॉशरूम जाने की अनुमति लेनी होगी। रसोई घर में खाने-पीने का स्थान है अगर जांच लंबी होती है। यह सब किया जाता है ताकि जांच (IT खोज कार्य) में कोई रुकावट न आए और प्रक्रिया निर्बाध रूप से चले। इस दौरान घर से बाहर आने की अनुमति नहीं है; अगर जरूरी है, अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। लेकिन टीम को बच्चों को खाना खाने और स्कूल जाने से रोक नहीं सकती।
संबंधित व्यक्ति को यह जानकारी दी जाती है-
दबिश के दौरान जब्त किए गए सामान के लिए विशिष्ट नियम लागू होते हैं। इनकम टैक्स वाले कंप्यूटर की जांच में हार्ड डिस्क, नकदी और गहने जब्त किए जाते हैं। ऐसा नहीं है कि किसी को इस बारे में नहीं बताया जाता है; जो भी सामग्री जब्त की जाती है, उसकी पूरी जानकारी दी जाती है और संपत्ति का सत्यापन भी किया जाता है। ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो सके, इसके दौरान बयान भी दर्ज किए जाते हैं।
अधिकारी कई बातों पर निर्भर करता है-
कार्रवाई में अक्सर संपत्ति जब्त करने के नियम लागू होते हैं, लेकिन व्यापारी के घर पर छापे के दौरान बेचने के लिए रखे गए सामान को आयकर विभाग की टीम नहीं जब्त करती। लेकिन यह भी मौके पर निर्भर करता है। यदि अधिकारी (IT Raid Procedure) यह मानते हैं कि यह व्यापार से जुड़ा हुआ है, तो उसे छोड़ दिया जाता है। मुख्य लक्ष्य जांच को निष्पक्ष और प्रभावी बनाना है, हालांकि परिस्थितियां इसे बदल सकती हैं। IT raid ke niyam में अधिकारी काफी कुछ निर्भर करता है। यह भी महत्वपूर्ण है कि जांच का विषय क्या सोचता है।
जब्त किए गए पैसे कहां जाते हैं?
आयकर विभाग पहले पैसे या संपत्ति को बैंक में जमा करता है, जिसमें विभाग के कमिश्नर से जुड़े खातों को भी शामिल किया जाता है। इसके बाद पूरी संपत्ति की जांच की जाती है, जिसमें आय का मूल्यांकन किया जाता है। IT रेड कैसे करता है? आय पर टैक्स लगाया जाता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
टैक्स की गणना के बाद, टैक्स डिमांड के अनुसार बकाया धन जमा किया जाता है, और बाकी धन वापस मिलता है। यहां पर यह भी बता दें कि जानकारी केवल एक अधिकारी के अनुभव से दी गई है। आयकर विभाग की कई तरह की कार्रवाई हैं, जो परिस्थिति अनुसार अलग हो सकती हैं।