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Income Tax Refund : आईटीआर देरी से फाइल करने वालो को नहीं मिलेगा इनकम टैक्स रिफंड, आयकर विभाग ने दी जानकारी

New Income Tax Bill: केंद्र सरकार ने इस साल के बजट सत्र में लोकसभा में एक नवीनतम इनकम टैक्स अधिनियम पारित किया है। सरकार ने इनकम टैक्स कानून में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। इस बार सरकार ने टैक्सपेयर्स से जुड़े कई नियमों को बदल दिया है। ITR भरते समय इनकम टैक्स के इन नियमों को जानना बहुत महत्वपूर्ण है। 

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Income Tax Refund : आईटीआर देरी से फाइल करने वालो को नहीं मिलेगा इनकम टैक्स रिफंड, आयकर विभाग ने दी जानकारी 

The Chopal, New Income Tax Bill: भारत में आयकर विभाग तय सीमा से अधिक धन लेने पर टैक्स लगाता है। सभी को वह भरना अनिवार्य है। टैक्स नहीं देने पर व्यक्ति या फर्म पर आवश्यक कार्रवाई हो सकती है। केंद्रीय सरकार ने बजट सत्र के दौरान इनकम टैक्स कानून और अन्य नियमों में बदलाव करने की घोषणा की है। इस बजट सत्र में सरकार ने टैक्स पेयर्स को कुचलने का प्रयास किया है। नए टैक्स बिल में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) देर से फाइल करने वालों को कोई रिफंड नहीं मिलेगा। 

टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल देना होगा।

इस साल आयकर विभाग ने इनकम टैक्स नियमों में बदलाव करके टैक्सपेयर्स को परेशान किया है। विभाग ने इनकम टैक्स बिल 2025 के क्लॉज 263(1)(a)(ix) के तहत करदाताओं को इनकम टैक्स (Income Tax Return) देरी से भरने पर मिलने वाले रिटर्न की सेवा को बदल दिया है। अरदाताओं को रिटर्न पाने के लिए रिटर्न को समय पर फाइल करना अनिवार्य है। 

वर्तमान इनकम टैक्स एक्ट 1961 से यह प्रावधान बहुत अलग है, जिसमें टैक्सपेयर्स 31 दिसंबर तक बिलेटेड या देर से भरा गया रिटर्न फाइल करने पर भी रिफंड मांग सकते हैं। टैक्सपेयर केवल रिटर्न फाइल करते समय ही रिफंड मांग सकते हैं, जैसा कि नवीनतम इनकम टैक्स बिल के क्लॉज 433 में स्पष्ट किया गया है। इससे आशंका बढ़ गई कि अगर किसी टैक्सपेयर ने तय समयसीमा के बाद ITR फाइल किया, तो वह टैक्स रिफंड नहीं पाएगा, भले ही उसका TDS या टैक्स किसी कारण से अधिक कट गया हो।

इनकम टैक्स रिफंड के नियम निम्नलिखित हैं:

वर्तमान में, इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत इनकम टैक्स विभाग काम कर रहा है। इस कानून के तहत अधिक वसूली गई टैक्स की राशि को रिफंड के रूप में वापस कर दिया जाता है अगर टैक्सपेयर यह साबित करता है कि वसूली गई टैक्स की राशि वास्तविक देनदारी से अधिक है।

टैक्स बिल के सेक्शन 237 के अनुसार, किसी टैक्सपेयर (Income Tax New Rule) को अधिक टैक्स देने का अधिकार है। विशेष टैक्सपेयर्स के लिए ITR फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है, लेकिन सेक्शन 139(4) के तहत बिलेटेड ITR 31 दिसंबर तक भेजा जा सकता है। 

देर से आईटीआर भरने पर जुर्माना

टैक्सपेयर देर से ITR फाइल करने पर सेक्शन 234(F) के तहत 5,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ता है। यदि उसकी सालाना आय पांच लाख रुपये से कम है, तो जुर्माना 1,000 रुपये कम हो जाता है। लेकिन उसकी रिफंड की मांग करने की क्षमता खत्म नहीं होती।

आयकर विभाग का दावा कि नए नियमों में रिफंड मिलेगा आयकर विभाग ने करदाताओं की रिटर्न (Refund on Late ITR) से जुड़ी समस्याओं को हल करते हुए कहा कि नए टैक्स बिल के लागू होने पर भी इनकम टैक्स रिफंड के नियमों में कोई बदलाव नहीं होगा। वर्तमान इनकम टैक्स बिल के सेक्शन 263(1)(ix) में मौजूद प्रावधानों को ही जोड़ा गया है।

सेक्शन 263 के तहत या सेक्शन 268(1) के नोटिस के जवाब में फाइल किए गए इनकम टैक्स रिटर्न को सेक्शन 270 के तहत जारी किया जाएगा, और अगर कोई रिफंड होता है तो वह सेक्शन 271(1)(e) के तहत जारी किया जाएगा।