Income Tax : टैक्सपेयर्स हो जाएं सावधान, इनकम टैक्स विभाग ने वसूल 37 हजार करोड़ रुपये, ऐसे रखी जाती है आपकी कमाई पर नजर
Income tax return : इनकम टैक्स विभाग लगातार बड़े घोटालों को अंजाम दे रहा है। नियमों का उल्लंघन (income tax update) करते हुए आय पर टैक्स नहीं भरने वालों पर आयकर विभाग खास नजर रखता है। यदि आपके खर्च और आय में अंतर है, तो आपको सतर्क रहना चाहिए। विभाग की निगरानी के कारण आपको भारी शुल्क देना पड़ सकता है। जिन लोगों ने आय पर उचित कर नहीं जमा किया, उन्हें आयकर विभाग की कार्रवाई करनी होगी। हाल ही में कई विभागों ने 37 हजार करोड़ रुपये की वसूली भी की है। इनकम टैक्स वाले आपकी कमाई पर कैसे नजर रखते हैं?

The Chopal, Income tax return : इनकम टैक्स विभाग ने हाल ही में 37 हजार करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है, जो टैक्सपेयर्स के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है। विभाग ने अब अपने नए तरीकों से लोगों की कमाई को देखना शुरू किया है। हर लेन-देन और आय का कड़ाई से निरीक्षण किया जाता है।
टैक्सपेयर्स की वित्तीय गतिविधियों पर विभाग की गहन निगरानी बताती है कि भविष्य में टैक्स बचाने की कोई भी कोशिश खराब हो सकती है। जिन लोगों ने अपनी आय को छिपाने की कोशिश की है, उनके लिए यह कदम खतरा पैदा कर सकता है। स्थिति कठिन हो सकती है, इसलिए टैक्स संबंधी विभागीय और कानूनी दायित्वों का पालन करें और समय रहते उचित कदम उठाएं।
गलत तरीके से टैक्स छूट लेने वालों को फायदा नहीं मिलेगा—
लाखों लोग देश में सरकार को टैक्स देते हैं। आय पर आधारित नियम और स्लैब बनाए गए हैं; यदि आपकी आय इस सीमा से अधिक है, तो आपको उस पर टैक्स देना होगा। निर्धारित सीमा पर टैक्स देना अनिवार्य है। बहुत से लोग इसे नजरअंदाज करते हैं या कम टैक्स भरने के नियमों का उल्लंघन करते हैं।
ऐसे मामलों पर आयकर विभाग ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है और गलत जानकारी देकर टैक्स छूट नियमों का लाभ लेने वालों पर भारी शुल्क लगाया जा रहा है। यह बताता है कि टैक्स चोरी अब नहीं होगी। सही समय पर टैक्स भरना महत्वपूर्ण है।
वास्तविक आय को छिपाना कठिन होगा—
आयकर विभाग (Income Tax Department) ने टैक्स से जुड़े कामों पर नज़र रखना शुरू कर दिया है। अब विभाग उन लोगों पर ध्यान दे रहा है जो अपनी वार्षिक आय नहीं बताते हैं। इसके अलावा, ऐसे मामले भी हैं जहां अधिक आय बताई जाती है लेकिन कम टैक्स चुकाया जाता है। 20 महीने में विभाग ने इन मामलों से 37,000 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। इस तरह के मामलों से बचने के लिए प्रत्येक नागरिक को अपना आयकर विवरण समय पर देना चाहिए। यह टैक्स संबंधी नवीन नियमों से बचने के लिए महत्वपूर्ण है। अब वास्तविक आय छिपाना महंगा होगा।
मामले इस प्रकार पकड़ में आते हैं:
टैक्स विभाग ने ऐसे लोगों का पता लगाना शुरू कर दिया है जो अपनी संपत्ति को छुपा रहे हैं और काला धन जमा कर रहे हैं, क्योंकि तकनीकी उपकरणों का उपयोग बढ़ा है। इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) ने सावधानी से उन लोगों को चुना जो महंगी वस्तुओं (जैसे गहने, संपत्ति और अन्य महंगी वस्तुओं) खरीद रहे थे। इनमें से कुछ ने अपनी वास्तविक आय को कम बताया, जबकि कुछ ने टैक्स नहीं भरा था। टैक्स से बचने वालों को पकड़ने के लिए विभाग ने जांच प्रक्रिया को मजबूत किया है।
2019 और 2020 के मामलों की भी जांच की गई -
एक रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग ने 2019-20 साल में वित्तीय लेन-देन की जांच की। इससे पता चला कि बहुत से लोग महंगी वस्तुएं खरीद रहे थे, लेकिन अपनी आय के बारे में इनकम टैक्स रिटर्न को कुछ भी नहीं बता रहे थे। ऐसे मामलों को देखते हुए विभाग ने बड़े लेन-देन करने वालों से बड़ी रकम वसूल की। इन व्यक्तियों ने न तो अपनी आय का विवरण दिया और न ही अपनी वार्षिक सूचना दी। इसके बाद विभाग ने उनसे 1,320 करोड़ रुपये वसूले।
टैक्स चोरी के मामलों को अब आसानी से पता लगाना होगा—
टैक्स चोरी करने वालों पर कड़ी नजर रखने में आयकर विभाग पहले से अधिक सतर्क हो गया है। हाल ही में कुछ मामले छूट गए हैं, लेकिन अब नए तकनीकी साधनों का उपयोग किया जा रहा है। विभाग ने एडवांस्ड डेटा और एनालिटिक्स टेक्नोलॉजी का सहारा लिया है, जिससे टैक्स चोरी के मामलों को पता लगाना आसान हो गया है।
इस तकनीक से एक नया सिस्टम बनाया गया है, जिसका नाम नॉन-फाइलर मॉनिटरिंग सिस्टम (NMS) है। इससे खर्च और आय में गड़बड़ी करने वालों को आसानी से पकड़ाया जा सकता है, क्योंकि यह कई डेटा स्रोतों से जानकारी एकत्रित करता है। इस तकनीक का उपयोग करके विभाग टैक्स चोरी को रोक रहा है।
टैक्स की आमदनी में वृद्धि—
डायरेक्ट टैक्स संग्रहण में अप्रैल से नवंबर के बीच 15.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार। इस समय कुल 12.10 लाख करोड़ रुपये थे। इसमें से गैर-कॉर्पोरेट टैक्स से 6.61 लाख करोड़ रुपये मिले, जबकि कॉर्पोरेट टैक्स का हिस्सा 5.10 लाख करोड़ रुपये था। यह आंकड़ा दिखाता है कि सरकार ने टैक्स वसूली में तेजी से सुधार किया है और अधिक राशि रिकॉर्ड की है।
निरंतर उठाए जा रहे कड़े कदम-
सरकार टैक्स चोरी को रोकने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। कर चोरी को कम करने के लिए टैक्स डिडक्शन ऐट सोर्स (टैक्स डिडक्शन ऐट सोर्स) के नियमों को कठोर किया गया है। इसके अलावा, ऐसे लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जाती है जो अपनी आय को शून्य बताकर भारी खर्च करते हैं। इस तरह की कार्रवाई कर चोरी को रोकती है और कर भुगतान को पारदर्शी बनाती है।