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Income Tax : 31 मार्च से पहले जरूरी है ये काम, वरना चुकाना पड़ेगा भारी भरकम टैक्स

Income Tax Department :जिन लोगों ने इनकम टैक्स विभाग के नियमों की अनदेखी की, वे भारी दंड भुगतान करेंगे। अब इनकम टैक्स विभाग ने एक नई अपडेट जारी की है जिसके अनुसार, 31 मार्च से सभी टैक्सपेयर्स को बहुत जरूरी काम करना होगा. अगर ऐसा नहीं किया गया, तो वे भारी जुर्माना भी भुगतान कर सकते हैं। टैक्स बचाने के टिप्स भी नहीं मिलेंगे। आइए जानते हैं कि काम को 31 मार्च से पहले ही पूरा करना अनिवार्य है।  

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Income Tax : 31 मार्च से पहले जरूरी है ये काम, वरना चुकाना पड़ेगा भारी भरकम टैक्स 

The Chopal, Income Tax Department : वर्तमान में लाखों टैक्सपेयर्स टैक्स बचाने के लिए बचत और खर्च करने में लगे हैं। टैक्स बचाने के लिए लाखों रुपये के टैक्स भुगतान से बचने के लिए, 31 मार्च से पहले अपनी आय, बचत और खर्चों की डिटेल के अलावा हर समय एक अतिरिक्त आवश्यक कार्य भी पूरा करें। टैक्स बचत का लाभ इसके बाद नहीं मिलेगा। यदि आपने समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो आप भी वित्तीय समस्या का सामना कर सकते हैं।

नए टैक्स नियमों का लाभ कब से मिलेगा-

वर्तमान वित्त वर्ष 2024-25 खत्म होने में कुछ दिन बाकी हैं, और 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष 2025-26 शुरू होगा। इसलिए आयकर बचाने के टिप्स (Income Tax Saving Tips) के लिए योजना बनाने और आवश्यक कार्यों को पूरा करने के लिए बहुत कम समय है। 31 मार्च से पहले टैक्स बचाने का कोई उपाय नहीं किया गया, तो आपको अधिक टैक्स देना पड़ सकता है।

टैक्स देनदारी को सही समय पर कम कर सकते हैं। सरकार ने 2025 के बजट में टैक्स में राहत देने का वादा किया था, लेकिन यह सिर्फ अगले वित्त वर्ष, अप्रैल 2026 से लागू होगा। पुराने टैक्स बचत नियमों के अनुसार, टैक्सपेयर्स इस वित्त वर्ष 2024-25 का टैक्स प्लान बनाना होगा। 

टैक्स रीजीम चुनने के परिणाम:

टैक्सपेयर को हर साल अपनी टैक्स योजना बदलने का मौका मिलता है। वे नए या पुराने आयकर नियम में से किसी एक का चुनाव कर सकते हैं। पुराने विकल्पों में निवेश करने पर कुछ विशेष लाभ मिलते हैं, जैसे PPF, ELSS और अन्य योजनाओं में पैसे लगाकर टैक्स छूट मिलना।

लेकिन इसमें टैक्स दरें अधिक हैं। नए टैक्स रिजीम में टैक्स दरें कम होती हैं, लेकिन डिडक्शन क्लेम जैसी छूटों का लाभ नहीं मिलता। इसलिए, अपनी आमदनी, खर्चे और निवेश योजनाओं को ध्यान में रखकर सही दो योजनाओं में से चुनाव करें। यदि आपको निर्णय लेना कठिन लगे, तो आप एक अनुभवी से सलाह भी ले सकते हैं। टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है, इसलिए समय रहते सही निर्णय लें।

पुराने क्षेत्र में इतना टैक्स भुगतान -

विभिन्न निवेशों पर टैक्स छूट मिल सकती है अगर आप पुरानी इनकम टैक्स व्यवस्थाओं का चुनाव करते हैं। 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर आप इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन का दावा कर सकते हैं, यानी क्लेम छूट। इसके अलावा, आप नेशनल पेंशन स्कीम में 50,000 रुपये का अतिरिक्त निवेश कर सकते हैं।

स्वास्थ्य पॉलिसी प्रीमियम पर भी छूट मिलती है, जो 25,000 रुपये तक हो सकती है। यदि आपके बुजुर्ग माता-पिता हैं, तो उनके लिए 50,000 रुपये तक की हेल्थ पॉलिसी प्रीमियम छूट मिल सकती है। नौकरीपेशा व्यक्तियों को 75 हजार तक की स्टैंडर्ड डिडक्शन छूट भी मिलती है। कुल मिलाकर, आयकर अधिनियम के सेक्शन 80सी और 80डी को जोड़कर आप 2.25 लाख रुपये तक की छूट पा सकते हैं; एनपीएस में 50,000 रुपये अतिरिक्त निवेश से यह 2.75 लाख रुपये तक बढ़ सकता है।

होम लोन लेने वाले और किराये पर रहने वाले ऐसे लाभ उठाएं:

पुरानी टैक्स नीति की फायदे का चयन करने पर आप होम लोन के इंटरेस्ट पर भी छूट प्राप्त कर सकते हैं। Income Tax Act 1961, Section 24B कहता है कि कम से कम 2 लाख रुपये की छूट मिल सकती है। किराए पर रहने वाले व्यक्ति HRA का लाभ ले सकते हैं।

यह उनके टैक्स को कम कर सकता है। HRA टैक्स बचाने में महत्वपूर्ण है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी व्यक्ति को 20,000 रुपये महीने का किराया देना पड़ता है, तो उसे टैक्स छूट मिल सकती है, जो टैक्सपेयर के लिए अच्छा होता है।

टैक्स छूट का लाभ इस प्रकार मिलेगा:

अगर आप 25,000 रुपये प्रति माह किराया देते हैं और आपको 20,000 रुपये एचआरए मिलता है, तो HRA पर कर छूट का दावा करने के लिए इस स्थिति में तीन तरीके हैं। पहले, आप HRA की पूरी राशि—20,000 रुपये—का दावा कर सकते हैं। दूसरा, आप 25,000 रुपये या अपनी बेसिक सैलरी के 50% पर छूट का दावा कर सकते हैं।

तीसरा तरीका यह है कि आप अपने किराए में से बेसिक सैलरी का 10 प्रतिशत कम कर सकते हैं, यानी 5,000 रुपये. इससे बचने वाले पैसे को टैक्स कैसे बचाएंगे, जो 20,000 रुपये होगा। आपकी टैक्स छूट इन तीनों में से सबसे कम होगी।