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Loan Settlement : लोन सेटलमेंट कर रहें तो जान लें इसका बड़ा नुकसान, बाद में करें फैसला

Loan Settlement - बैंक लोन लेने वाले व्यक्ति को नोटिस भी भेजता है और उसे भुगतान करने को कहता है जब वह भुगतान नहीं कर सकता है। बैंक अपने रिकवरी एजेंट को लोन लेने वाले के घर भेजता है अगर ग्राहक को कोई उत्तर नहीं मिलता या लोन नहीं भरता है। ऐसे में बैंक ग्राहक को लोन सेटलमेंट का विकल्प देता है, जो उसके ऋणभार को कम करता है। जिसमें रिकवरी एजेंट से ग्राहक का पीछा छूट जाता है इससे अन्य कई लाभ मिलते हैं। अगर आपने भी लोन लिया है और उसे चुका नहीं पा रहे हैं, तो इस लेख को अवश्य पढ़ें:  

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Loan Settlement : लोन सेटलमेंट कर रहें तो जान लें इसका बड़ा नुकसान, बाद में करें फैसला

Loan Settlement : जब हम पढ़ाई करते हैं या घर खरीदते हैं, तो हम पहले बैंक से होम लोन (Home Loan) और एज्यूकेशन लोन (Education Loan) लेते हैं। आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपने रेपो रेट में पिछले कुछ समय में लगातार बढ़ोतरी की है। इससे लोन ब्याज दरों पर सीधा असर पड़ा है। जिससे वे लोन लेने के कुछ समय बाद ही लोन चुका नहीं पाते। जब हम लोन नहीं चुका सकते, बैंक ग्राहकों को टाइम सेटलमेंट (OTS) का विकल्प देते हैं। याद रखें कि वन टाइम सेटलमेंट का सबसे बड़ा लाभ यह है कि आपको रिकवरी एजेंट से राहत मिलती है। इसके अलावा, हर महीने ईएमआई देने की परेशानी से छुटकारा मिलता है, लेकिन OTS आपको नुकसान भी पहुँचा सकता है।

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जानें क्या है लोन सेटलमेंट

यदि कोई व्यक्ति बैंक से लोन लेने के बाद 91 दिन, या 3 महीने तक किस्त नहीं जमा करता है, तो उसका लोन बैंक नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) की श्रेणी में रखा जाएगा। ऐसे में बैंक लोन लेने वाले को नोटिस जारी करता है और भुगतान करने को कहता है। बैंक भी रिकवरी एजेंट को ग्राहक के घर भेजता है। बैंक ग्राहकों को एक बार में भुगतान का विकल्प देता है अगर पैसे वापस नहीं आते। इसमें बैंक मूल कर्ज लेता है और ब्याज दर और अन्य चार्जेस को कम करता है या हटा देता है। 

लोन सेटलमेंट के नुकसान

आपको बता दें कि लोन सेटलमेंट को अक्सर लोन क्लोजर समझा जाता है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। लोन खत्म नहीं माना जाता जब तक आप सभी किस्त चुका नहीं सकते। लोन सेटलमेंट का सबसे बड़ा नुकसान है कि इससे कर्ज लेने वाले व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है। लेकिन इसका सीधा असर यह है कि अगर आप लोन लेते हैं तो आपके सामने कई परेशानियां आती हैं। जो अगले सात वर्षों तक आपके CIBIL स्कोर पर सीधा असर डालता है।

ग्राहकों के पास रहता है ये ऑप्शन

अगर आपकी आर्थिक स्थिति खराब है और आपने किसी तरह का लोन लिया है और उसका सेटलमेंट करवा लिया है, तो आप लोन के ब्याज और बाकी चार्जेस को बाद में पैसे आने पर चुका दें। इससे आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Score) सही हो जाएगा और आप आसानी से लोन ले सकेंगे।

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