Loan Settlement Rules : लोन सेटलमेंट करने वाले इन बातों का रखें ध्यान, वरना लोन का रास्ता हो जाएगा बंद
Loan Settlement Idea : अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कई लोग लोन लेते हैं। आप घर, कार या व्यक्तिगत उधार ले सकते हैं। लोन लेने के बाद हर महीने ईएमआई का भुगतान करना होगा। लेकिन कुछ समय ऐसा आता है कि हम यह राशि समय पर नहीं चुका पाते। ऐसे में बैंक उधारी को सुलझाने के लिए लोन सेटलमेंट का विकल्प देता है। इसके बावजूद, इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह आपकी वित्तीय स्थिति को बदतर बना सकता है और भविष्य में समस्याओं का कारण बन सकता है।

The Chopal, Loan Settlement Idea : लोन सेटलमेंट एक ऐसा उपाय है जिसे कई लोग अपनी बढ़ती हुई आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए चुनते हैं। लेकिन इस मार्ग पर चलते समय कुछ ऐसे खतरे छिपे हो सकते हैं, जो बहुत कम लोग जानते हैं। जब आप अपने लोन को सेटल करते हैं, तो यह आसान लग सकता है, लेकिन इसके साथ आने वाली समस्याएं आपको सोचने पर मजबूर कर सकती हैं। यह समाधान अक्सर इतना आसान नहीं होता जितना लगता है। तुरंत लाभ आपको लंबे समय में भारी पड़ सकते हैं।
लोन सेटलमेंट एक स्थायी समाधान नहीं है—
लोन सेटलमेंट अस्थायी है और लंबे समय तक स्थायी समाधान नहीं देता। यह कुछ समय के लिए राहत देता है, लेकिन यह पूरी तरह से लोन समाधान के प्रभावों को समाप्त नहीं करता। इस प्रक्रिया का उपयोग बैंकों ने केवल धन निकालने के लिए किया है। इससे हमें कुछ समय तक फायदा हो सकता है, लेकिन बाद में यह समस्या फिर से सामने आ सकती है। loan settlement process एक स्थायी प्रक्रिया है, न कि पूरी तरह से लोन को खत्म करता है।
क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव-
बैंक आपकी क्रेडिट रिपोर्ट (loan settlement effect on Cibil Score) सिबिल एजेंसी को भेजता है जब आप लोन सेटलमेंट करते हैं, जिससे आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित होता है। यह दर्शाता है कि आपने समय पर लोन चुकाने में असमर्थता दिखाई, जिससे आपकी वित्तीय स्थिति पर बुरा असर पड़ा। बैंकों को लगता है कि आप फिर से लोन चुका नहीं पाएंगे, इसलिए वे आपको भविष्य में लोन देने से हिचकिचाते हैं। इससे सिबिल का स्कोर गिरता है।
भविष्य में लोन प्राप्त करने में आने वाली समस्याएं-
यदि आप लोन सेटलमेंट करते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर 100 अंक तक गिर सकता है। ज्यादा सेटलमेंट स्कोर को कम कर सकता है। आपकी क्रेडिट रिकॉर्ड में सात साल तक यह बुरा रिकॉर्ड दिखाई देगा, जिससे अगले कुछ वर्षों तक आपको लोन मिलने में कठिनाई हो सकती है। यह कदम बहुत सोच-समझकर लेना जरूरी है क्योंकि इसका लंबे समय तक असर हो सकता है।
लोन सेटलमेंट की घोषणा कब करें:
जब लोन चुकाना मुश्किल हो जाता है, तो सेटलमेंट करने से बचें। स्थिति बहुत गंभीर होने पर ही ऐसा करें। अन्यथा, बची हुई राशि के लिए किस्तों का प्रस्ताव करना या धन आने तक इंतजार करना बेहतर होगा। ऋण समापन का प्रभाव आपके क्रेडिट स्कोर पर इस तरह कोई असर नहीं होगा। जब कोई दूसरा उपाय नहीं है, तो सेटलमेंट को आखिरी विकल्प के रूप में चुनें।
लोन सेटलमेंट के कुछ लाभ हैं:
सिबिल स्कोर को सुधारने का अवसर—यदि आपने लोन सेटलमेंट किया है, तो भी आप अपने क्रेडिट स्कोर को सुधार सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना होगा। जैसे ही आपके पास धन है, आप बैंक में जाकर सभी लंबित राशि, ब्याज और जुर्माने का भुगतान कर सकते हैं. यह भुगतान भुगतान के लिए भी किया जाता है। यह प्रक्रिया आपके लोन को समाप्त करेगी और आपको बैंक से एक प्रमाण पत्र मिलेगा जो बताएगा कि आपके पास अब कोई बकाया नहीं है। आपका क्रेडिट स्कोर इससे बेहतर हो सकता है।
इससे बैंकों को राहत मिलती है-
जब हम लोन नहीं चुका पाते हैं, तो अक्सर मानसिक तनाव महसूस होता है। ऐसी स्थिति में, बैंक हमें पूरे लोन का भुगतान नहीं करने के लिए एक विशिष्ट समाधान प्रदान करता है। इसके तहत, हमें बैंक से कुछ कम राशि का भुगतान करना होगा। लोन सेटलमेंट के फायदे और कमियां (loan settlement pros and cons) एक बार निर्धारित होते हैं, जो उस समय को ध्यान में रखते हुए निर्धारित होता है। इससे हमारी चिंता कम हो सकती है क्योंकि यह एक बार का सेटलमेंट होता है, यानी पूरी रकम चुकाने से बचता है।
रिकवरी एजेंसियों को कोई परेशानी नहीं होगी—
जब लोन सेटलमेंट किया जाता है, वसूली एजेंसियां लोनदार को परेशान नहीं कर सकतीं। लोन की समस्या खत्म हो जाती है जब बैंक उपभोक्ता के बकाए को कुछ शर्तों के तहत साफ कर देता है। यह प्रक्रिया बहुत फायदेमंद है क्योंकि अब लोन को लेकर कोई तनाव नहीं रहता। व्यक्ति को बैंक की शर्तों पर सेटलमेंट करने से राहत मिलती है और लोन का बोझ कम होता है।