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Multiple Bank Accounts : एक से अधिक बैंक अकाउंट वाले हो जाएं सावधान, हो सकती है ये परेशानिया

Multiple Bank Accounts : आज बैंकिंग जीवन का एक प्रमुख हिस्सा है। लेकिन आपके पास एक से अधिक बैंक खाते हैं तो ये खबर आपको अलर्ट करने के लिए है। वास्तव में, एक से अधिक बैंकों में खाता होने से आपको निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:

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Multiple Bank Accounts : एक से अधिक बैंक अकाउंट वाले हो जाएं सावधान, हो सकती है ये परेशानिया 

The Chopal, Multiple Bank Accounts : आज बैंकिंग जीवन का एक प्रमुख हिस्सा है। हम रोजाना पैसे का लेन-देन करते हैं, जिसके लिए बैंक अकाउंट आवश्यक है, यूपीआई और इंटरनेट बैंकिंग जैसी सुविधाओं का उपयोग करके। बहुत से लोगों के पास दो या तीन बैंक खाते हैं। एक से अधिक बैंक अकाउंट रखने से हानि हो सकती है। 

दरअसल, हर अकाउंट को मेनटेन करने के लिए उसमें एक न्यूनतम बैलेंस या राशि का एक निश्चित अंश रखना ही होता है। साथ ही लोगों को अकाउंट को सुरक्षित रखने के लिए पूरे अकाउंट में पैसा रखना होगा। यदि आप एक से अधिक अकाउंट रखते हैं, तो आपका सबसे बड़ा पैसा बैंकों में ही फंस जाता है।

बैंक अकाउंट में रखी इस राशि पर आपको हर साल चार से पांच प्रतिशत से अधिक रिटर्न नहीं मिलता। विपरीत, अगर आप अपने पैसे को सेविंग अकाउंट में रखने की जगह दूसरी योजनाओं में निवेश करते हैं, तो आपको हर साल अधिक रिटर्न मिलेगा और आप इसके माध्यम से अधिक पैसे कमा सकते हैं।

मेंटनेंस और सेवा शुल्क भी देना होगा-

यदि आपके पास अधिकतर बैंक अकाउंट हैं, तो आपको हर अकाउंट के लिए वार्षिक मेंटेनेंस फीस और सेवा चार्ज देना होगा। इसके साथ ही, बैंक क्रेडिट और डेबिट कार्ड जैसे सुविधाओं पर भी शुल्क वसूलता है, जिससे आपको नुकसान हो सकता है।

क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव-

यदि आपके पास एक से अधिक इनएक्टिव अकाउंट हैं, तो इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर भी बुरा असर पड़ता है। आपके अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस मेनटेन नहीं होने से आपका क्रेडिट स्कोर गिर जाता है। इसके चलते बैंक से लोन लेना मुश्किल हो सकता है।

टैक्स भरने में भी समस्याएं हैं-

टैक्स फाइल करना मुश्किल हो सकता है अगर आपके पास कई बैंक अकाउंट हैं। ज्यादा अकाउंट होने से अधिक कागजी काम की आवश्यकता होती है। इनकम टैक्स फाइलिंग में हर अकाउंट की जानकारी होनी चाहिए, इसलिए स्टेटमेंट का रिकॉर्ड बनाना मुश्किल होता है। यदि आप सभी बैंकों की जानकारी नहीं देते हैं, तो आप आयकर विभाग की नजर में आ सकते हैं। इसलिए, आपके पास अपने सभी बैंक खातों की पूरी जानकारी होनी चाहिए।

नौकरी बदलने पर आपको अपना बैंक अकाउंट भी बदलना पड़ता है। ऐसे में, अगर तीन महीने तक भुगतान सैलरी अकाउंट में नहीं आता, तो भुगतान अकाउंट सेविंग अकाउंट में स्थानांतरित हो जाता है। याद रखें कि सेविंग अकाउंट और सैलरी के नियम अलग हैं।

बैंक आपके सैलरी खाते को सेविंग खाते की तरह व्यवहार करते हैं। बैंक नियमों के अनुसार, एक न्यूनतम खाता संरक्षित करना आवश्यक है। अगर आप यह नहीं करते हैं, तो आपको पेनल्टी देनी पड़ सकती है और बैंक आपके अकाउंट से पैसा निकाल सकता है।