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Petrol Pump : Zero देखने के बाद भी हो सकता हो खेला, तेल डलवाने से पहले जान ले खास बातें

petrol pump cheating:आजकल हर किसी के पास कार होना बहुत आम है। इस तरह के चलते वाहनों में सबसे पहले पेट्रोल या डीजल डालना चाहिए। इसी के चलते पेट्रोल पंप पर पेट्रोल डीजल चोरी होना आम है। लेकिन आपको बताया जाता है कि डीजल में पेट्रोल भरते समय जीरो चेक करना चाहिए। लेकिन इतना ही पर्याप्त नहीं है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें..।

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Petrol Pump : Zero देखने के बाद भी हो सकता हो खेला, तेल डलवाने से पहले जान ले खास बातें

The Chopal, petrol pump cheating: आपको पेट्रोल पंप पर चकमा देकर चोरी करने से बचने के लिए कुछ बातें जाननी चाहिए। पहले आपको पता होना चाहिए कि जब कोई पेट्रोल पंप कर्मी जालसाजी से पेट्रोल चोरी करके आपकी जेब काट लेता है, तो अधिकांश लोगों को पता नहीं होता। तो पेट्रोल पंप चोरी से बचने के लिए आपको पहले पता होना चाहिए: 

पेट्रोल-पंप पर चोरी कैसे होती है? मान लीजिए, 40 रुपये पहले से ही मीटर पर डले हुए हैं। जब आप मीटर पर 500 रुपये देखते हैं, तो आपकी कार या बाइक में सिर्फ 460 रुपये का डीजल या पेट्रोल है। भारत में दिन-प्रतिदिन कई लोगों को पेट्रोल पंप पर ठगी का शिकार किया जाता है। जानकारी की कमी इस जालसाजी में फंसने का पहला कारण है।

याद रखें कि इस चोरी से बचने के लिए सतर्क रहना बहुत महत्वपूर्ण है। पेट्रोल भरते समय सभी लोग मीटर की मात्रा पर ध्यान देते हैं, लेकिन धोखाधड़ी केवल कुछ बातों पर ध्यान देकर नहीं रोकी जा सकती। इसके लिए बहुत कुछ ध्यान रखना होगा। उपभोक्ता विभाग ने कुछ ट्वीट करके लोगों को जागरूक किया है कि गाड़ी में डीजल या पेट्रोल भरवाने से आपको कोई नुकसान या पैसे बर्बाद नहीं होंगे।

पुराने पंप में अधिक तेल भरने से बचें—

पुराने पंपों पर मशीनें पुरानी होती हैं, इसलिए डीजल और पेट्रोल को हमेशा डिजिटल मीटर वाले पंप पर भरना चाहिए। इन मशीनों में कम पेट्रोल भरा जाना संभव है। वाहन की पेट्रोल टंकी को खाली न रखें, क्योंकि ऐसा करने से ग्राहक को नुकसान होता है। इसकी वजह भारतीय गैस पेट्रोल पंप की धोखाधड़ी है, जिसके अनुसार गाड़ी की टंकी में अधिक हवा होगी। ऐसे में हवा पेट्रोल भरने के बाद कम हो जाती है। हमेशा आधा टंकी भरी रखें।

डीजल या पेट्रोल भरने से पहले इन बातों का ध्यान रखें: 

मीटर 0.00 पर लौट रहा है और डिस्पेंसिंग मशीन का वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट दिखाई देता है। यदि ग्राहक चाहते हैं तो वे पेट्रोल पंप पर पांच लीटर की मात्रा का माप ले सकते हैं।

1. मीटर रिकॉर्डिंग:

सुनिश्चित करें कि मीटर रीडिंग 0.00 पर है।

2. डेंसिटी को भी जांचें:

डेंसिटी खास मात्रा में पैक की गई ऊर्जा की मात्रा को बताता है, जिससे यह पता चलता है कि आपकी गाड़ी कैसे काम करेगी। पेट्रोल पंप पर जीरो नहीं देखने से पेट्रोल भरने वाले आपके साथ खेल सकते हैं, थोड़ा कम पेट्रोल डाल देंगे, लेकिन अगर पेट्रोल की दक्षता कम होती है, तो आप लाखों रुपये बर्बाद कर सकते हैं।

3. डिस्पेंसिंग मशीन का प्रमाणपत्र—

डिस्पेंसिंग मशीन का वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट दिखाया गया है; इसे ठीक से देखें।

उपभोक्ता शिकायतें—

उपभोक्ता मामले विभाग ने एक और ट्वीट में कहा कि किसी भी संदेह की स्थिति में उपभोक्ता लीगल मेट्रोलॉजी ऑफिसर को शिकायत कर सकते हैं या नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर 1915 पर शिकायत कर सकते हैं।