Property News : छोटे शहरों में घर बनाना चाहते है मेट्रो सिटी के लोग, जानिए क्या है वजह

आजकल लोगों का रुझान टियर के शहरों की और बढ़ता जा रहा है। क्योंकि मेट्रो सिटीज के मुकाबले इन शहरों में रहना काफी आसान हो जाता है और वित्तीय तनाव में भी कमी आती है जिससे EMI आसानी से भरी जा सकती है। 

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Property News : छोटे शहरों में घर बनाना चाहते है मेट्रो सिटी के लोग, जानिए क्या है वजह 

The Chopal, Property News : आज के समय में मेट्रो सिटीज में घर काफी महंगे हो गए हैं और वहां पर किफायती घर ढूंढना बहुत ही मुश्किल हो गया है। परंतु टियर के शहरों में घर खरीद कर लोग सुकून की जिंदगी जी रहे हैं। हाल ही में हुए सर्वे के मुताबिक मेट्रो शहरों मे सस्ता  घर खरीदना लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। जबकि छोटे शहरों का आर्थिक और लाइफस्टाइल दोनों ही लोगों को रास आ रहा है। 

इस सर्वे के अनुसार छोटे शहरों में रहने वाले लोगों का लाइफस्टाइल काफी बेहतर है क्योंकि वहां पर नौकरियों की उपलब्धता और परिवार के बिजनेस से अतिरिक्त खर्च चल जाता है। छोटे शहरों में किफायती घर होने की वजह से परिवारों को बिना किसी समझौते के ईएमआई चुकाने में आसानी होती है। वही मेट्रो सिटीज में अक्सर तनाव देखने को मिलता है। 

करीबन 300 घरों का हुआ सर्वे 

इस स्टडी के दौरान भारत के करीबन 280 घरों से मिले जवाब के आधार पर देखा गया कि मेट्रो सिटीज में रहने का खर्च अक्सर emi पर भारी पड़ता है। इस रिपोर्ट के दौरान पता चला कि 280 में से 58% टियर मेट्रो शहरों से थे। जिससे पता चलता है कि भारत में घर खरीदना कितना अलग-अलग हो सकता है। 

रिपोर्ट में बताया गया कि इन खरीदारों को बढ़ती एमी महंगे लाइफस्टाइल और मेंटेनेंस खर्चों से जुड़ना पड़ता है। जिसके कारण कई बार मॉर्टगेज कि किसने चुकाने का दबाव इतना होता है की गुंजाइश नहीं बच पाती। जिसकी वजह से घर का बजट बिगड़ जाता है और खर्च के पैसे को कम करना पड़ता है। 

दिल्ली में हुआ ऐसा हाल 

उन्होंने बताया कि अगर दिल्ली एनसीआर में ₹200000 महीना कमाने वाला शख्स अगर 2BHK फ्लैट लेता है। तो उसके बच्चों की फीस भरना और घर की emi चुकाना बहुत मुश्किल हो जाता है। वहीं छोटे शहरों में स्कूल की फीस कम और मकान भी कम रेट में मिल जाता है। 

रिपोर्ट में जानकारी दीजिए की इन छोटे शहरों में रहने वाले 50% लोगों को घर के बाद घरेलू आए और 56% ने अपनी बचत में इजाफा देखा। छोटे शहरों में किफायती घरों की वजह से परिवार के लिए emi चुकाना आसान रह गया था। 

वही 51% मालिकों ने जानकारी दी कि उन्हें मानसिक शांति और स्थिरता का एहसास हुआ है। कई लोगों ने किराए से अपने घर में शिफ्ट होने का एहसास बताया। मकान मालिक की दखलअंदाजी और किराए की बढ़ोतरी से आजादी मिली। परिवारों ने बताया कि अब उन्हें बेसिक सुविधाएं शिक्षा और अन्य सुविधाओं के बारे में लंबी अवधि तक प्लानिंग करने का मौका मिलेगा। 

दिल्ली बैंगलोर और मुंबई जैसे शहरों में घर खरीदने वालों का बताना है कि दशकों साल पुरानी buliding में मामूली टू बीएचके फ्लैट की कीमत डेढ़ से 2 करोड़ के बीच तक पहुंच गई है।