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पंजाब नेशनल बैंक में एक बार फिर हुआ फ्रॉड, मार्केट बंद होने के बाद आई खबर

PNB loan fraud: सरकारी क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने एक बार फिर बड़े बैंकिंग फ्रॉड का खुलासा किया है। PNB ने यह जानकारी शेयर बाजार बंद होने के बाद सार्वजनिक की। खबर के दिन बैंक के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 0.50 प्रतिशत की गिरावट के साथ ₹120.35 के स्तर पर बंद हुए।

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पंजाब नेशनल बैंक में एक बार फिर हुआ फ्रॉड, मार्केट बंद होने के बाद आई खबर

Punjab National Bank : सरकारी क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने एक बार फिर बड़े बैंकिंग फ्रॉड का खुलासा किया है। बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को सूचित किया है कि SREI इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड (SEFL) और SREI इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड (SIFL) के पूर्व प्रमोटरों से जुड़े करीब ₹2,434 करोड़ के लोन को फ्रॉड की श्रेणी में रिपोर्ट किया गया है। यह जानकारी बैंक ने शुक्रवार, 26 दिसंबर 2025 को शेयर बाजारों को दी।

PNB की ओर से दी गई रेगुलेटरी फाइलिंग के मुताबिक, यह मामला उन कर्जों से संबंधित है जो पहले SREI समूह की इन दोनों कंपनियों को दिए गए थे। बैंक ने स्पष्ट किया है कि उसने इस पूरी बकाया राशि के लिए पहले ही 100 प्रतिशत प्रावधान (Provisioning) कर लिया है, जिससे बैंक की मौजूदा वित्तीय स्थिति पर किसी अतिरिक्त नुकसान का सीधा असर नहीं पड़ेगा।

मार्केट बंद होने के बाद किया गया खुलासा

PNB ने यह जानकारी शेयर बाजार बंद होने के बाद सार्वजनिक की। खबर के दिन बैंक के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 0.50 प्रतिशत की गिरावट के साथ ₹120.35 के स्तर पर बंद हुए। निवेशकों की नजर इस खुलासे पर रही, हालांकि बैंक की ओर से पूर्ण प्रावधान की बात कहे जाने से बाजार में बड़ी घबराहट नहीं देखी गई। रेगुलेटरी फाइलिंग में PNB ने बताया कि RBI को जिन दो मामलों की रिपोर्ट की गई है, उनमें SEFL से जुड़ा फ्रॉड ₹1,240.94 करोड़ का है, जबकि SIFL से संबंधित राशि ₹1,193.06 करोड़ बताई गई है। कुल मिलाकर यह आंकड़ा ₹2,434 करोड़ तक पहुंचता है।

IBC के तहत हुआ था समाधान

SREI समूह की इन दोनों कंपनियों पर कुल मिलाकर करीब ₹32,700 करोड़ का वित्तीय कर्ज था। लगातार वित्तीय संकट और कथित कुप्रबंधन के चलते इन कंपनियों को इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत समाधान प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। दिसंबर 2023 में इस प्रक्रिया के तहत नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) ने SIFL और SEFL का अधिग्रहण किया और नए प्रमोटर के रूप में नियंत्रण संभाला।

इससे पहले, अक्टूबर 2021 में RBI ने SIFL और उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी SEFL के बोर्ड को भंग कर दिया था। उस समय नियामक ने कंपनियों में कथित कुप्रबंधन और गवर्नेंस से जुड़ी गंभीर चिंताओं का हवाला दिया था। इसके बाद ही इन कंपनियों के खिलाफ IBC की कार्यवाही शुरू की गई।

कनोरिया परिवार पर रहा था नियंत्रण

कोलकाता स्थित कनोरिया परिवार पहले SIFL और SEFL दोनों कंपनियों का संचालन करता था। RBI के हस्तक्षेप से पहले तक यही परिवार इन कंपनियों के प्रमोटर और नियंत्रक थे। बोर्ड हटाए जाने के बाद मामला धीरे-धीरे दिवालियापन समाधान की ओर बढ़ा और अंततः संपत्तियों का अधिग्रहण NARCL द्वारा किया गया।

बैंक की NPA स्थिति में सुधार

PNB ने इससे पहले 15 दिसंबर 2025 को एक अलग एक्सचेंज फाइलिंग में अपने एसेट क्वालिटी से जुड़े आंकड़े भी साझा किए थे। बैंक के अनुसार, रिकवरी में सुधार, खातों के अपग्रेडेशन और नए स्लिपेज में कमी के चलते उसके ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) में उल्लेखनीय गिरावट आई है। सितंबर 2024 के अंत में PNB के ग्रॉस NPA जहां ₹47,582 करोड़ थे, वहीं सितंबर 2025 के अंत तक यह घटकर ₹40,343 करोड़ रह गए। इसी आधार पर ब्रिकवर्क रेटिंग्स ने बैंक के बेसल III एडिशनल टियर-1 बॉन्ड्स की रेटिंग को दोबारा BWR AA+/स्टेबल के रूप में कन्फर्म किया।

आगे क्या?

हालांकि PNB ने यह स्पष्ट कर दिया है कि फ्रॉड के रूप में रिपोर्ट की गई पूरी राशि पर पहले ही प्रावधान किया जा चुका है, लेकिन यह मामला एक बार फिर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कॉरपोरेट गवर्नेंस, कर्ज वितरण और निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। अब आगे की कार्रवाई RBI और जांच एजेंसियों के स्तर पर तय होगी, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि इस कथित धोखाधड़ी में जिम्मेदारी किस स्तर तक तय की जाती है।