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लोन से जुड़े नियमों में RBI ने किए कई बदलाव, बैंक को इस तरह की मनमानी पड़ेगी भारी, ग्राहकों को रोजाना देने होंगे 5000 रुपये

RBI New Rules 2025 : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ही बैंक छुट्टियों से लेकर लोन नियमों को बदलता है।  भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन के नियमों में हाल ही में महत्वपूर्ण बदलाव (Reserve Bank of india) किए हैं।  समाचार में आरबीआई ने बनाए गए इन नियमों के बारे में विस्तार से बताया गया है, जिसमें कहा गया है कि अब बैंकों में मनमानी नहीं होगी।

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लोन से जुड़े नियमों में RBI ने किए कई बदलाव, बैंक को इस तरह की मनमानी पड़ेगी भारी, ग्राहकों को रोजाना देने होंगे 5000 रुपये

The Chopal, RBI New Rules 2025 : आजकल, हर कोई पैसे की जरूरत होने पर लोन लेने की ओर भागता है।  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने हाल ही में लोन के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं।  बैंक ग्राहकों को इससे बहुत राहत मिली है।  RBI के नियमों में बदलाव से, बैंकों ने होम लोन लेने वाले कई ग्राहकों को मुश्किलों से गुजरना  (home loan rules updates) पड़ा है; इसलिए, ग्राहकों को हर दिन 5000 रुपये का भुगतान करना होगा।

यह नियम क्यों बनाया गया?

आपने देखा होगा कि ग्राहक होम लोन (home loan tips) चुकता करते हैं, लेकिन बैंक लोन के एवज में अपने पास रखे संपत्ति के दस्तावेजों को समय पर नहीं लौटाते हैं।  आरबीआई ने बैंक की इस अनियमितता पर अब रोक लगाने का निर्णय लिया है।  आरबीआई (RBI Guideline for Property Documents) ने सभी बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं को एक अवधि निर्धारित की है। 

कितने दिनों में डॉक्यूमेंट देना होगा-

आरबीआई ने कहा कि बैंकों और एनबीएफसी  (Banks and NBFCs) को ग्राहकों को कर्ज चुकाने के 30 दिन के भीतर सभी दस्तावेज लौटाने होंगे।  1 दिसंबर, 2023 से आरबीआई ने ऐसा नहीं करने पर बैंकों को हर दिन 5,000 रुपये जुर्माना देना होगा।  ग्राहकों को पहले मुश्किलें होती थीं क्योंकि हर बैंक और एनबीएफसी लोनधारकों को अलग-अलग समय पर दस्तावेज नहीं देते थे।  इसलिए रिज़र्व बैंक ने ये नियम बनाए हैं।  होम लोन के लिए लोनधारक अक्सर घर के दस्तावेजों को गिरवी रखते हैं।  पर्सनल लोन के लिए बैंक ग्राहकों की सिक्योरिटीज, शेयर या इंश्योरेंस पॉलिसी को गिरवी रखते हैं।

क्या हैं ये नए नियम?

आरबीआई ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर कोई कर्जदाता 30 दिन के भीतर घरेलू कर्ज का दस्तावेज नहीं वापस करता है, तो उसे प्रतिदिन 5000 रुपये का जुर्माना देना होगा।  यह धन सीधे कर्जदार को मिलेगा।  ग्राहकों के लिए ये नए नियम बहुत अच्छे हो सकते हैं क्योंकि वे लोन पास या किसी भी अन्य ब्रांच से दस्तावेजों को ले जा सकते हैं।  यदि इस दौरान कर्जदार की मौत हो जाती है, तो बैंक दस्तावेज को आसानी से कानूनी वारिस को सौंपने का प्रयास करेंगे।

जानिए ग्राहकों को लाभ कैसे मिलेगा-

बैंकों ने दस्तावेज कब दिए हैं?  लोन सेंक्शन वाले लेटर में इस चीज की टाइमलाइन और स्थान दर्ज करना चाहिए।  अगर इस बीच बैंकों में सुरक्षित दस्तावेजों को कोई चोट लगती है, तो कर्जदाता ग्राहक को बिना अतिरिक्त शुल्क के सर्टिफाइड-डुप्लीकेट कागजात देंगे।  अगर ऐसा होता है, तो समय सीमा और 30 दिन बढ़ जाएगी।  बैंकों और एनबीएफसी को ग्राहकों के दस्तावेजों को लौटाने के लिए अब 60 दिन का समय मिलेगा. अगर ऐसा नहीं होता, तो उन पर प्रतिदिन 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

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