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RBI का बैंकों को नया निर्देश जारी, FD, जमा खातों और लॉकरों में हो नॉमिनी

RBI ciruclar on nomination : आरबीआई ने बैंकों को सुझाव दिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंकों को सभी मौजूदा और नए ग्राहकों के सुरक्षा लॉकरों और जमा खातों में नॉमिनी होना चाहिए। नामांकन सुविधा का उद्देश्य दावों का शीघ्र समाधान करना और डिपॉजिटर्स की मृत्यु पर परिवार के सदस्यों की कठिनाई को कम करना तथा दावों का शीघ्र निपटान करना है।

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RBI का बैंकों को नया निर्देश जारी, FD, जमा खातों और लॉकरों में हो नॉमिनी

The Chopal : बैंकों और गैर-बैंकिंग फाइनैंशल कंपनियों (NBFCs) को RBI ने नॉमिनी (कानूनी वारिस) को लेकर निर्देश दिए हैं। अब हर स्थिर निवेश (FD), सेविंग अकाउंट और लॉकर के लिए नामांकन आवश्यक है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे अपने नए और पुराने सभी ग्राहकों से नॉमिनेशन जरूर करवाएं। नामांकन सुविधा का उद्देश्य दावों का शीघ्र निपटान करना और जमाकर्ताओं की मृत्यु पर परिवार के सदस्यों को कम करना है। Central Bank सर्कुलर कहता है कि बहुत से जमा खातों में नॉमिनी उपलब्ध नहीं हैं। जानिए क्यों नॉमिनेशन आवश्यक है। 

क्या कारण है?

आरबीआई ने बहुत से अकाउंट्स में नामांकन नहीं पाया है। ऐसे में, अगर अकाउंट होल्डर की मौत हो जाती है तो उनके परिवार वालों को बहुत मुश्किल होगी। नॉमिनेशन होने से, नॉमिनी को लॉकर, सेविंग अकाउंट या FD का पैसा आसानी से मिल जाएगा अगर कोई परिजन गुजर जाने के बाद।

क्या हैं निर्देश?

शुक्रवार को आरबीआई ने एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक्स (SCBs - RRBs), प्राइमरी को-ऑपरेटिव बैंक्स (UCBs) और डिपॉजिट लेने वाली NBFCs के लिए नॉमिनेशन के निर्देशों को शामिल कर दिया गया है। इन नियमों में बैंकों से भी कहा गया है कि वे नॉमिनेशन के फायदे को पूरी तरह से समझें और लोगों को इसकी जानकारी हर जगह दें।

निगरानी कैसे की जाएगी?

RBI ने हाल ही में जारी किए गए निर्देशों के अनुसार, Customer Service Committee (CSC) या Board of Directors नियमित तौर पर नॉमिनेशन की स्थिति की समीक्षा करेगा। 31 मार्च से DAKSH पोर्टल पर हर तिमाही प्रगति रिपोर्ट दी जाएगी। साथ ही, अकाउंट खोलने के फॉर्म में बदलाव किए जाएंगे, जिससे ग्राहक नॉमिनेशन चुन सकें या मना भी कर सकें। भारतीय रिज़र्व बैंक ने कहा है कि समय-समय पर अभियान चलाए जाएं।

नॉमिनी, कौन होता है?

किसी अकाउंट या इन्वेस्टमेंट में नॉमिनी वह व्यक्ति होता है जिसे अकाउंट होल्डर चाहता है कि उसकी मौत के बाद उसका पैसा उसे मिल जाए। जब आप एक अकाउंट खोलते हैं या बाद में एक नॉमिनी का नाम जोड़ते हैं, तो ये सुनिश्चित करता है कि अकाउंट होल्डर को आसानी से संपत्ति मिल जाएगी। यह व्यक्ति कोई भी हो सकता है, कोई परिवार का सदस्य, कोई दोस्त या कोई जानकार। अकाउंट होल्डर चाहे तो नॉमिनी का नाम बदल सकता है।

क्या इसकी आवश्यकता है?

परिवार नॉमिनेशन करने से कानूनी समस्याओं से बच सकता है। यदि नॉमिनी नहीं है, तो संपत्ति पाने के लिए कानूनी वारिसों या परिवार वालों को कठिन से कठिन प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। नॉमिनी को बस अपना पहचान पत्र, बैंक डिटेल और पता दिखाना होगा, और पैसा उसके नाम भेजा जाएगा।
झंझट से बचना आवश्यक

नॉमिनी न होने की वजह से मरने वाले व्यक्ति के परिवार को बैंक या इंश्योरेंस कंपनी से धन मिलने में कानूनी बाधाएं हो सकती हैं। यह भी होता है कि कोई दूर का रिश्तेदार या अनजान व्यक्ति खुद को वारिस बताता है। इससे मामला और अधिक उलझ जाता है। परिवार में आपसी विवाद होने पर मामला कोर्ट में चला जाता है। यह निर्णय लेने में छह महीने या कई साल लग सकते हैं। इस समस्या से बचने के लिए आज ही अपने खाते में नॉमिनी का नाम डाल दें।