RBI का नया नियम, बैंक के डूब जानें पर ग्राहकों को दिया जाएगा इतना पैसा वापिस
ये रकम आपको डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) की ओर से दी जाती है। DICGC रिजर्व बैंक के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है। DICGC देश के बैंकों का इंश्योरेंस करता है। पहले इस एक्ट के तहत बैंक डूबने या बैंकरप्ट होने की स्थिति में 1 लाख रुपए तक की राशि दी जाती थी, लेकिन सरकार ने इस बढ़ाकर 5 लाख कर दिया है। भारत में जिन विदेशी बैंकों की शाखाएं हैं, वो भी इसके दायरे में आती हैं।
कितने दिनों में मिल जाती है राशि-
बैंक डूबने या बंद होने की स्थिति में DICGC ग्राहकों के खातों से जुड़ी सभी जानकारी 45 दिन के अंदर कलेक्ट करता है। इसके बाद जांच पड़ताल की जाती है और अगले 45 दिनों के अंदर ग्राहक को राशि दे दी जाती है। इस पूरी प्रक्रिया में करीब 90 दिनों यानी तीन महीने का समय लग जाता है।
किस तरह के खाते आते हैं दायरे में-
सभी तरह के कॉमर्शियल बैंक इसके दायरे में आते हैं। इसमें सेविंग, करंट, फिक्स्ड और रिकरिंग डिपॉजिट सहित सभी तरह के खातों को कवर किया जाता है। अगर आपका अकाउंट किसी सरकारी बैंक या बड़े प्राइवेट बैंक में है तो आपकी रकम इंश्योर्ड मानी जाती है। DICGC की वेबसाइट के मुताबिक, अगस्त, 2022 के बाद के अपडेट में बताया गया है कि देश के कुल 2,035 बैंकों को यह इंश्योर्ड करता है। इसके अलावा अगर आप ये जानना चाहते हैं कि आपका बैंक इंश्योर्ड है या नहीं, तो आप https://www।dicgc।org।in/FD_ListOfInsuredBanks.html पर जाकर पता कर सकते हैं।
दो बैंकों में अकाउंट होने पर-
अगर आपका अकाउंट दो बैंकों में है और दोनों ही बैंक डूब जाएं, तो ऐसी स्थिति में आपको दोनों बैंकों से 5-5 लाख रुपए मिलते हैं। लेकिन अगर आपका एक ही बैंक में दो अकाउंट हैं तो इस स्थिति में आपको 5 लाख रुपए ही मिलेंगे। इसके अलावा बैंक में आपका जमा पैसा 10 लाख हो, या दो लाख, अगर बैंक डूबता है तो आपको सिर्फ 5 लाख रुपए ही दिए जाएंगे।