Rupees Currency Hike: भारतीय रुपया आज हुआ तेज, जानिए डॉलर को कितना पीछे छोड़ा

Currency Check: गुरुवार को डॉलर के मुकाबले शुरूआती कारोबार में रुपया मजबूत रहा है. भारतीय वाणिज्य मंत्रालय का एक दल वाशिंगटन में व्यापार समझौते को लेकर चर्चा कर रहा है. भारत अमेरिका व्यापार वार्ता के वक्त की संभावना के मध्य यह बड़ी अपडेट सामने आई है. इसके अलावा वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई है.

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Rupees Currency Hike: भारतीय रुपया आज हुआ तेज, जानिए डॉलर को कितना पीछे छोड़ा

Trade War: गुरुवार को शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत हुआ है। यह मजबूती ऐसे समय आई है जब भारतीय वाणिज्य मंत्रालय का एक प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन में व्यापार समझौते को लेकर चर्चा कर रहा है। गुरुवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 12 पैसे बढ़कर 85.80 पर पहुंच गया, जबकि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है। लेकिन विदेशी मुद्रा व्यापारियों का कहना है कि एफआईआई के बहिर्वाह और विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती ने स्थानीय मुद्रा में तेज वृद्धि को रोक दिया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.93 पर कमजोर खुला, लेकिन बाद में बढ़कर 85.80 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से 12 पैसे अधिक था।

प्रस्तावित व्यापार समझौता

डॉलर के मुकाबले रुपया बुधवार को 16 पैसे गिरकर 85.92 पर बंद हुआ। भारतीय वाणिज्य मंत्रालय का एक दल वाशिंगटन में प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर एक और चरण की चर्चा करने के लिए है। गुरुवार को चार दिनों की वार्ता समाप्त होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौता मंगलवार को इंडोनेशिया के साथ हुआ ऐसा ही होगा।

रुपया में उतार-चढ़ाव भरे रुख 

फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा कि बुधवार को डॉलर इंडेक्स में तेजी के कारण रुपया उतार-चढ़ाव भरे रुख के साथ 86.06 से 85.73 पर पहुंचा और फिर 85.92 पर बंद हुआ। आरबीआई रुपया को 86.00 के स्तर के पास रोक रहा है, इसलिए आज (गुरुवार) रुपया 85.75/86.25 के दायरे में रहने की उम्मीद है। 

ब्रेंट तेल की कीमतों में तेजी आई

अमेरिकी आंकड़ों में कच्चे तेल के भंडार में अपेक्षा से अधिक गिरावट आने के बाद ब्रेंट तेल की कीमतों में तेजी आई, जिससे आपूर्ति में कमी का संकेत मिलता है, जबकि निवेशक 150 देशों पर अमेरिकी टैरिफ घोषणाओं से पहले सतर्क रहे, जो उनके जारी एजेंडे का एक हिस्सा है, जिससे वैश्विक स्तर पर आयात शुल्क बढ़ाने से बचने के प्रयास में तेजी आई हैं. अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.36% गिरावट के साथ 68.46 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।