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senior citizen : सीनियर सिटीजन की हुई मौज, अब टैक्स छूट में मिलेगा दुगुना फायदा

Senior citizen tax update : टैक्स स्लैब में वरिष्ठ नागरिक को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महत्वपूर्ण सौगात दी है। अब वृद्ध लोगों को टैक्स में अन्य लोगों से अधिक लाभ मिलेगा। साथ ही, वित्त मंत्री ने सीनियर सिटीजन टैक्स डिडक्शन की सीमा बढ़ा दी है। बुजुर्गों को टैक्स भुगतान करने में भारी छूट का लाभ मिलेगा, साथ ही बहुत सी बचत भी होगी।

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senior citizen : सीनियर सिटीजन की हुई मौज, अब टैक्स छूट में मिलेगा दुगुना फायदा 

The Chopal, Senior citizen tax update : केंद्रीय सरकार ने टैक्स स्लैब में बदलाव करते हुए वरिष्ठ नागरिकों को काफी राहत दी है। इन लोगों को आयकर छूट की सीमा दोगुना कर दी गई है, जिससे उन्हें टैक्स भरने में काफी राहत मिलेगी। इससे न केवल बुजुर्ग नागरिकों की टैक्स की जिम्मेदारी कम होगी, बल्कि वे अपनी आय में से पहले की बजाय अधिक बचत कर सकेंगे। साथ ही, सरकार ने सीनियर सिटीजन के किराये से लाभ पर टैक्स लिमिट को बढ़ा दिया है।

सीनियर शहर अब डबल टैक्स छूट से लाभ उठाएंगे। सरकार के इस कदम से वरिष्ठ नागरिकों को खासतौर पर बहुत पैसा मिलेगा और वे अपने खर्चों को बेहतर ढंग से नियंत्रित कर सकेंगे। इस कदम से उनकी आर्थिक जीवन में सुधार होगा।

इतनी आय पर टैक्स नहीं लगाया जाएगा—

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025–26 के संघीय बजट में वरिष्ठ शहरवासी और मध्यमवर्गीय लोगों को बड़ी राहत दी है, जिसमें 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। वृद्ध नागरिकों के टैक्स छूट की सीमा भी 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। टैक्स का बोझ कम करने और वरिष्ठ नागरिकों को राहत देने के लिए वित्त मंत्री ने यह कदम उठाया है। 

TDS की सीमा में बदलाव—

टैक्स प्रक्रिया को सरल और समान बनाने के लिए, वित्त मंत्री ने TDS की लिमिट (नया टैक्स स्लैब वरिष्ठ नागरिकों) में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। बुजुर्गों को टैक्स छूट देने की सीमा एक लाख रुपये से पाँच सौ हजार रुपये तक बढ़ा दी गई है। साथ ही, टीडीएस छूट की वार्षिक सीमा 6 लाख रुपये है। नॉन-पैन मामलों में टैक्स अधिक होगा। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों को अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में बदलाव करने का 4 साल का समय मिलेगा, जो पहले सिर्फ 2 साल था। इन बदलावों का उद्देश्य टैक्स प्रक्रिया को और अधिक आसान बनाना है।

किराये से इतनी सालाना आय पर छूट मिलती है—

नए प्रस्ताव ने किराया भुगतान की सीमा बढ़ाई है। बजट में टीडीएस सीमा (TDS limit for senior citizens) को 2.4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख कर दिया गया। अब टीडीएस (टैक्स डिडक्शन ऑफ स्रोत) केवल उन लोगों को कटेगा जिनका किराया छह लाख रुपये से अधिक होगा, इससे छोटे किरायेदारों को फायदा होगा। इससे छोटे करदाताओं को कम राशि पर टीडीएस (TDS) काटने की चिंता नहीं होगी।

वित्तीय प्रक्रियाओं में राहत मिलेगी और कम करों से बच जाएगी यह बदलाव। इस कदम से मकान मालिकों और किरायेदारों दोनों को सुविधा होगी। अब अधिक किराया देने वालों को टीडीएस नहीं कटवाना पड़ेगा, जो वित्तीय प्रक्रिया को आसान बना देगा। ज्यादा लोगों को राहत मिलेगी और इस बदलाव से छोटे स्तर के लेन-देन में भी आसानी होगी।

यह नवीनतम टैक्स स्लैब है-

अब साल में 4 लाख रुपये की कमाई पर टैक्स नहीं देना पड़ेगा (टैक्स स्लैब 2025)। इसके अलावा, चार से आठ लाख रुपये की आय पर पांच प्रतिशत टैक्स देना होगा और आठ से बारह लाख रुपये की आय पर दस प्रतिशत टैक्स देना होगा। 12 लाख से 16 लाख रुपये की वार्षिक आय पर 15 प्रतिशत टैक्स देना होगा; 16 से 20 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत; 20 लाख से 24 लाख रुपये पर 25 प्रतिशत; और 24 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा।

बजट घोषणा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नई आयकर छूट की व्यवस्था से मिडिल क्लास लोगों को अपना बजट संभालने में अधिक बचत होगी। इसके साथ ही वे अपने फ्यूचर को सुरक्षित रखने में पहले से अधिक धन खर्च कर सकेंगे।