Success Tips: लाखों की नौकरी छोड़कर शुरू किया देसी काम, आज महिला की कमाई देखकर चौंक जायेगें आप
Success Story : आस्था सिंह ने मॉडलिंग और लाखों रुपये की सैलरी वाली नौकरी छोड़कर 'ग्रामश्री किसान' की स्थापना की। गाय, मुर्गी, बकरी और मछली पालन में प्रशिक्षण देने के अलावा, यह कंपनी उनकी बिक्री भी करती है। बिहार के किसानों को काम मिलने में इस कंपनी ने बहुत मदद की है। आस्था की कंपनी का टर्नओवर प्रति वर्ष 3 करोड़ रुपये है। उनके साथ छह हजार से अधिक कृषक हैं।
Aastha Singh Success Story : बिहार की आस्था सिंह ने 18 लाख की नौकरी छोड़कर किसानों की जिंदगी बदलने का अभियान चलाया है। उन्होंने मॉडलिंग छोड़कर 'ग्रामश्री किसान' नाम से व्यवसाय शुरू किया। आज यह 3 करोड़ रुपये का सालाना टर्नओवर है। आस्था बिहार के किसानों को कृषि, पशुपालन और मछली पालन के बारे में प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बना रहे हैं। यहां उनकी सफलता का रास्ता जानते हैं।
कई कंपनियों में काम किया
आस्था सिंह पटना में रहती हैं। 2010 में उनकी शादी हुई थी। पति विवेक कुमार एक रेलवे इंजीनियर हैं। 12वीं के बाद से ही आस्था ने मॉडलिंग भी शुरू किया था। उन्होंने पुणे से इंजीनियरिंग करने के बाद एमबीए किया। बाद में कई प्रसिद्ध कंपनियों में काम किया। ओयो में सिटी हेड के रूप में उन्हें 18 लाख रुपये प्रति वर्ष मिलता था। आस्था पहले टाटा टेलीसर्विसेज में इंजीनियर और भारती इंफ्राटेल लिमिटेड में एनर्जी मैनेजर थीं। 2019 में, वह बिहार सरकार के पशु और मत्स्य संसाधन विभाग में प्रोजेक्ट यूनिट कंसल्टेंट था।
ऐसे ही ग्रामश्री किसान की स्थापना की गई
मुंबई में फोटोशूट के बाद आस्था भी मॉडलिंग प्रतियोगिता में चुनी गई। परिवार की अनुमति न मिलने के कारण आस्था फिलीपींस नहीं जा सकीं। इसके बाद, उन्होंने मॉडलिंग को एक बार फिर से छोड़ दिया। फिर आस्था ने किसानों की जिंदगी को बदलने का दृढ़ संकल्प लिया। उन् होंने जून 2019 में 'ग्रामश्री किसान' की शुरुआत की। उनका पहला यूट्यूब चैनल था। यहां पशुपालन और कृषि से जुड़े वीडियो अपलोड किए गए हैं। उनका मोबाइल ऐप 2020 में लॉन्च हुआ था। 2021 में पटना में पहला ग्रामश्री किसान सेंटर खोला गया।
आज हजारों कृषक शामिल हैं
आज ग्रामश्री किसान के बिहार के 26 ब्लॉक में सेंटर हैं। 6 हजार से अधिक कृषक इससे जुड़े हुए हैं। ‘ग्रामश्री किसान’ पटना में 3 एकड़ में फैला हुआ है। यहां किसान बकरी, गाय, मुर्गी और मछली पालन का प्रशिक्षण लेते हैं। प्रशिक्षण के दौरान मुफ्त में रहने, खाने और आने-जाने की सुविधा मिलती है। किसानों को पशुओं का चारा, दाना और बाजार भी मिलता है।
10 करोड़ का लक्ष्य
ग्रामश्री किसान के पोल्ट्री फार्म में एक हजार मुर्गियां हैं, जबकि इसकी शुरुआत सौ से हुई थी। यही कारण है कि दो गायों से शुरू हुआ आस् था का डेयरी फार्म आज दस गायों का मालिक है। आस्था सेंटर में भी पच्चीस बकरियां हैं। भारत सरकार और बिहार सरकार ने 'ग्रामश्री किसान' को मंजूरी दी है। उन्होंने 27 लाख रुपये की जमा पूंजी लगाकर इस व्यवसाय को शुरू किया था। 30 लाख रुपये उनकी पार्टनर फर्म ने निवेश किया। इसके अलावा, बिहार सरकार ने 10 लाख रुपये की स्टार्टअप पॉलिसी दी और भारत सरकार ने 24 लाख रुपये की ग्रांट दी। अब आस्था सिंह 'ग्रामश्री किसान' का टर्नओवर 10 करोड़ रुपये करना चाहती हैं।