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Tenant And Land Lord Rights : अगर किराएदार कर ले आपके मकान पर कब्जा, तो जानिये अपनी प्रॉपर्टी खाली करवाने का तरीका

किरायेदार और मकान मालिक अक्सर किसी न किसी बात पर विवाद करते हैं। आपके अधिकारों के बारे में यहां सिर्फ कुछ कहा गया है, घबराइए नहीं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

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अगर किराएदार कर ले आपके मकान पर कब्जा,  तो जानिये अपनी प्रॉपर्टी खाली करवाने का तरीका 

The Chopal, Property News : अक्सर लोग खाली कमरे या पूरे घर को किराए पर देते हैं। जब कोई मकान मालिक अपनी संपत्ति किसी को किराए पर देता है, तो उसे डर होता है कि किराएदार कुछ साल रहने के बाद उसके घर पर कब्जा नहीं कर लेगा। ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई किराएदार किसी भी संपत्ति पर लंबे समय तक रहता है, तो वह उस पर अपना हक जता सकता है। शायद आपने कई बार ऐसे समस्याओं को भी देखा होगा।

ऐसे में क्या ये बाते सही हैं? क्या सही में कोई नियम है जो किराएदार को कुछ साल बाद संपत्ति पर हक दे सकता है या फिर ऐसा नहीं है? आज, किराएदारों और मकान मालिकों के लिए इन आवश्यक नियमों को सिर्फ जानें। आप इन्हें जानने के बाद अपना घर किराए पर दे सकते हैं। किराएदारों को भी इन नियमों का ज्ञान होना चाहिए।

कानून क्या कहता है?

कानून के जानकारों का कहना है कि किराएदार किसी की संपत्ति पर हक नहीं जमा सकता है अगर देखा जाए। मालिक का किरायेदार की संपत्ति पर कोई हक नहीं है। लेकिन यह भी नहीं कहता कि वह ऐसा नहीं कर सकता। दरअसल, विभिन्न परिस्थितियों पर भी निर्भरता है। किराए पर रहने वाला व्यक्ति भी उस संपत्ति पर अपना अधिकार व्यक्त कर सकता है, कई परिस्थितियों में। एडवर्स पजेशन में ट्रांसफर ऑफ प्रोपर्टी एक्ट के हिसाब से ऐसा नहीं होता। इसमें संपत्ति को बेचने का अधिकार भी है।मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति 12 साल तक संपत्ति पर एडवर्स पजेशन रखता है, तो वह संपत्ति पर अधिकार जता सकता है। 

एडवर्स पजेशन क्या है? 

हम एक उदाहरण लेते हैं: मान लीजिए किसी व्यक्ति ने अपने जानकार को अपनी संपत्ति रहने के लिए दे दी है, और उस व्यक्ति को 11 साल से अधिक का समय बीत गया है. ऐसी स्थिति में, वह व्यक्ति भी संपत्ति पर अपना अधिकार जमा कर सकता है। वहीं, अगर मकान मालिक किरायेदार से नियमित रूप से रेंट एग्रीमेंट बना रहा है, तो उन्हें कोई समस्या नहीं होगी। इस स्थिति में कोई भी व्यक्ति मालिक की संपत्ति पर कब्जा नहीं कर सकेगा।

क्या होगा?

किराए पर देने वाले मकान मालिक को सलाह दी जाती है कि वे रेंट एग्रीमेंट को समय पर बनाते रहें, ऐसा करना आपके पास एक सबूत होगा कि आपने अपनी संपत्ति किसी दूसरे को किराए पर दी है। इस स्थिति में कोई किरायेदार उस संपत्ति का मालिक नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि लिमिटेशन ऐक्ट 1963 में निजी संपत्ति पर लिमिटेशन की वैधानिक अवधि बारह वर्ष है, जबकि सरकारी संपत्ति पर तीस वर्ष है। यह अवधि कब्जे के दिन से शुरू होती है। बता दें कि 12 साल से अधिक समय से अचल संपत्ति पर कब्जा करने पर कानून भी उसी व्यक्ति के साथ लागू होता है। 

किरायेदार को घर छोड़ने का तरीका

  • यदि आपको लगता है कि किरायेदार आपके घर या दुकान पर कब्जा कर सकता है, तो आप इन तरीकों का उपयोग कर सकते हैं।
  • किराया नहीं देने पर बिजली और पानी का कनेक्शन बिल्कुल नहीं काटा जाएगा। ऐसे में वह व्यक्तिगत रूप से जुड़ सकता है।
  • हमेशा अपने नाम के साथ संपत्ति का कागज बनाएं। अगर नहीं, तो किरायेदार आपको परेशान कर सकता है।
  • किरायेदार को संपत्ति खाली कराने का दबाव डालें। पुलिस की मदद भी आप ले सकते हैं।
  • किरायेदार को घर खाली करने के बारे में सूचना देते रहें।
  • आप सिविल कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर सकते हैं अगर नोटिस मिलने के बाद भी घर खाली नहीं करता है। इसके बाद आपको घर को कानूनी तौर पर खाली करने का अधिकार मिलेगा।
  • भारतीय संविधान की धारा आईपीसी 103 के तहत आप भी बल का प्रयोग कर सकते हैं अगर कोई किरायेदार आपके घर पर कब्जा कर लेता है।

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