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Cibil Score ख़राब होने पर नहीं होंगी टेंशन, अपनाएं ये खास तरीके

Cibil Score :यदि आप लोन, क्रेडिट कार्ड और अन्य बिल को समय पर नहीं चुकाते हैं, तो आपका सिबिल खराब हो जाएगा। तुम्हारा भी सिबिल स्कोर गिर गया है? आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। इस लेख में बताये गए तरीकों को अपनाकर आप बहुत जल्दी अपना सिबिल स्कोर बढ़ा सकते हैं।

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Cibil Score ख़राब होने पर नहीं होंगी टेंशन, अपनाएं ये खास तरीके 

The Chopal, Cibil Score : आज व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर बहुत महत्वपूर्ण है। आपका क्रेडिट स्कोर आपको कितना लोन मिलना चाहिए और ब्याज दर निर्धारित करता है। आपकी क्रेडिट रिकॉर्ड भी आपके लोन आवेदन की मंजूरी में महत्वपूर्ण है।

सिबिल, एक क्रेडिट स्कोर संस्था, कहता है कि क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच हो सकता है, और 750 या अधिक स्कोर वाले लोगों को आसानी से और जल्दी लोन मिल सकता है। आपकी वित्तीय सेहत सीधे आपके क्रेडिट स्कोर से प्रभावित होती है।

जब आपके पास अच्छा क्रेडिट स्कोर है, तो आपके पास पैसे खोने का कम जोखिम है। खराब क्रेडिट स्कोर आपके कर्ज चुकाने पर संदेह पैदा कर सकता है। यही कारण है कि आप अपने क्रेडिट स्कोर को अच्छा बनाए रखने के लिए कुछ तरीके जानते हैं।

1. आखिरी तारीख को याद रखें

वाहन या घर की मासिक किस्त की आखिरी तारीख को याद रखें। साथ ही, अपने क्रेडिट कार्ड बिल की भुगतान तिथि को सुरक्षित रखें। आपका क्रेडिट स्कोर इन दोनों में देरी से प्रभावित होगा। यदि आप पहले से ऐसे मामलों में थक चुके हैं, तो आपको इसमें कुछ उत्साह दिखाना होगा।

6 से 8 महीने तक आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होने लगेगा। “पश्चिमी देशों की तरह भारत में क्रेडिट स्कोर की गणना में मोबाइल व अन्य युटिलिटी बिलों को शामिल नहीं किया जाता,” पैसा बाजार डॉट कॉम की मुख्य प्रोडक्ट अधिकारी राधिका बिनानी ने कहा।"
 
2. अधिक प्रभावी क्रेडिट उपयोगिता अनुपात

ऋण उपयोगिता अनुपात आपके लिए निर्धारित सीमा में से कितनी राशि का कर्ज है। उदाहरण के लिए, यदि आपने 40 हजार रुपये का कर्ज लिया है और आपकी कर्ज सीमा एक लाख रुपये है, तो आपका क्रेडिट उपयोगिता अनुपात 40% होगा।

इस गणना में आपके सभी क्रेडिट कार्ड पर निर्धारित सीमा भी शामिल है। मान लीजिए कि आपके पास तीन क्रेडिट कार्ड हैं, जिनकी सीमा 50 हजार, 75 हजार और 1 लाख रुपये है. आपने इन तीनों से कुल 72 हजार रुपये खर्च किए हैं। यही कारण है कि आपका क्रेडिट उपयोगिता अनुपात ३२% होगा। (72,000/2.25 लाख)

बिनानी ने कहा कि कंपनियां 40% से कम क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को प्राथमिकता देती हैं। यानी यह अनुपात जितना कम होगा, उतना ही आसानी से आप लोन ले सकेंगे।

3. EMI प्रति आय का अनुपात

यह आपके लोन और क्रेडिट कार्ड के आधार पर गणित किया जाता है। ईएमआई-टू-इनकम सीमा पचास प्रतिशत है। इसका अर्थ है कि आपकी आधी रकम जीवन व्यतीत करने के लिए है।

ऋषिकेश मेहता, ट्रांसयूनियन से सिबिल, ने बताया कि यदि आपका मौजूदा EMI 10,000 रुपये है और आपकी मासिक कमाई 50,000 रुपये है, तो आपका EMI-टू-इनकम अनुपात 20 फीसदी होगा।

यदि आप फिर से लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो कर्जदाता मानेगा कि आप 15,000 रुपये की अतिरिक्त ईएमआई चुका सकते हैं क्योंकि 10,000 रुपये की ईएमआई पहले से ही जारी है। इस अनुपात में सिर्फ आपकी इन-हैंड सैलरी गिनी जाती है।

4. बार-बार कार्ड की सीमा नहीं बढ़ाना

कई लोगों का मानना है कि एक-दो महीनों में अधिक खर्च होने के कारण उनका खर्च बढ़ा है। यही कारण है कि आप अपनी क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ा देते हैं। इसके बजाय आप अपने खर्चों को नियंत्रित करें क्योंकि बिल अंततः आपको भरना होगा, जो आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करेगा।

5. लोन खत्म करना, जमा नहीं करना

आपने पुराने लोन चुकाए हैं या उनका सेटलमेंट किया है, इसका भी उल्लेख आपकी क्रेडिट हिस्ट्री में होता है। यदि आपने सेटलमेंट किया है, तो आपका जोखिम बढ़ जाता है। यदि आप सही समय पर लोन चुकाने का प्रमाण है, तो कर्ज लेना आसान हो जाता है।

6. क्रेडिट रिपोर्ट में कोई त्रुटि नहीं होगी

क्रेडिट रिपोर्ट में अक्सर छोटी-छोटी गलती हो जाती है, जिस पर हम ध्यान नहीं देते। लेकिन बाद में कमजोर क्रेडिट स्कोर का खामियाजा भुगतना पड़ता है। राधिक बिनानी ने कहा कि आप ही अपने क्रेडिट स्कोर के लिए जिम्मेदार है, इसलिए हर महीने अपनी क्रेडिट रिपोर्ट देखें।

7. लोन के लिए आवेदन करने से पहले अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को सुनिश्चित करें

आपका क्रेडिट जोखिम भी क्रेडिट स्कोर से निर्धारित होता है। बैंक आपसे अधिक ब्याज ले सकता है या आपका लोन आवेदन भी रद्द कर सकता है अगर आपका स्कोर कम है। बिनानी ने कहा कि लोन के लिए आवेदन करने से पहले अपनी रिपोर्ट को जरूर पढ़ें और अगर आवश्यक हो तो उसे सुधारें।

8: अगर क्रेडिट रिकॉर्ड नहीं है?

जिन लोगों ने पहले कभी लोन नहीं लिया है, उनके लिए यह सवाल महत्वपूर्ण नहीं है। ऐसे लोग अक्सर सोचते हैं कि उन्हें आसानी से लोन मिल जाएगा, यह एक गलत विचार है। यदि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है, तो कर्जदाता नहीं जानता कि आप अधिक जोखिम में हैं या कम जोखिम में।

मेहता ने कहा कि ऐसे लोगों को कर्ज देने और रिपेमेंट करने की क्षमता देखी जाती है। शीर्ष क्रेडिट स्कोर आसानी से लोन दे सकता है, लेकिन उसके पास भी क्रेडिट स्कोर होना चाहिए। सावधान रहें, सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही लोन लें।

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