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1 मार्च 2024 से बदलेंगे GST के जुड़े ये नियम, छोटे कारोबारियों पर पड़ेगा होगा यह असर

RBI ने पिछले कुछ दिनों में पेटीएम पेमेंट बैंक पर बड़ी कार्रवाई की है। इसके बाद RBI ने एसबीआई, केनरा और सिटी यूनियन बैंक पर करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया है। माना जाता है कि बैंकों ने नियामक नियमों का उल्लंघन किया है। वहीं, ग्राहकों को यह डर है कि बैंकों पर लगाए गए जुर्माने उनके पैसे पर क्या असर करेंगे। नीचे खबर में विस्तार से पढ़ें- 

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1 मार्च 2024 से बदलेंगे GST के जुड़े ये नियम, छोटे कारोबारियों पर पड़ेगा होगा यह असर

The Chopal News : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI), केनरा बैंक और सिटी यूनियन बैंक पर कठोर कार्रवाई की है। शीर्ष बैंक ने नियामकीय नियमों के उल्लंघन के लिए लगभग तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

रिजर्व बैंक ने बताया कि 2014 से जमाकर्ता शिक्षा जागरूकता कोष योजना के उल्लंघन के लिए एसबीआई (State Bank of India) पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सिटी यूनियन बैंक लिमिटेड पर आय पहचान, संपत्ति वर्गीकरण और कर्ज से संबंधित प्रावधान, फंसे कर्ज (एनपीए) को लेकर प्रावधान और आरबीआई के ग्राहक को जानकारी से जुड़े कुछ निर्देशों का उल्लंघन करने के कारण 66 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

केनरा बैंक ने 32.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

भारतीय रिजर्व बैंक ने केनरा बैंक (Canara Bank) पर भी 32.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है क्योंकि बैंक ने कुछ निर्देशों का पालन नहीं किया है। ओशन कैपिटल मार्केट लि. (राउरकेला, ओड़िशा) को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से संबंधित कुछ नियमों का पालन नहीं करने पर 16 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। आरबीआई ने स्पष्ट रूप से कहा कि जुर्माना नियामकीय अनुपालन में कमी के कारण लगाया गया है। इसका कोई संबंध बैंक और ग्राहक के बीच समझौते से नहीं है। बैंक पर लगे जुर्माने आम ग्राहकों पर कोई असर नहीं होगा।

साथ ही ओसियन कैपिटल मार्केट लिमिटेड पर कठोर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बताया कि ओसियन कैपिटल मार्केट लिमिडेट बैंक, जो ओडिशा के राउरकेल में स्थित है, पर भी जुर्माना लगाया गया है। कंपनी को एनबीएफसी (Non-Banking Financial Companies) से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने पर लगभग 16 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। याद रखें कि रिजर्व बैंक की जांच के दौरान बैंकों पर कार्रवाई की जाती रहती है ताकि गलतियों को नियंत्रित किया जा सके। सभी बैंकों पर जुर्माना रेगुलेटरी जांच में पाई गई कमियों के बाद सर्वोच्च बैंक ने लगाया जाता है।

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