लोन नहीं भरने वाले हो जाए सावधान, RBI ने दिए सख्त आदेश
Loan Repayment Rules :लोन लेकर कई लोग जानबूझकर इसे नहीं भरते, और कई लोग वित्तीय कारणों से इसे भरने में असमर्थ हो जाते हैं। आरबीआई अपडेट ने अब लोन नहीं भरने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। आरबीआई ने ऐसे कर्जदारों पर दबाव डालने के लिए नए नियम बनाए हैं। ताकि भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी से बच सकें, हर बैंक ग्राहक को ये नियम जानना चाहिए।

The Chopal, Loan Repayment Rules : लोन लेने के बाद हर महीने EMI चुकाना बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसा न करने पर लोन लेनदार कई समस्याओं का सामना करता है। उसे भविष्य में लोन मिलना मुश्किल होगा, क्योंकि उसका सिबिल स्कोर खराब है। लोन लेने वालों के लिए आरबीआई का नया अपडेट आया है।
अब आरबीआई ने लोन नहीं भरने वालों पर कई कड़े नियम लगाए हैं। इन निर्देशों का पालन करने के लिए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। लोन लेने की योजना बना रहे लोगों के अलावा लोन ले चुके ग्राहकों को भी इन नियमों को जानना चाहिए। यदि आप लोन के लिए अप्लाई कर रहे हैं या लोन नहीं भर रहे हैं तो इन नवीनतम RBI नियमों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
इसलिए आरबीआई ने ऐसा किया-
आरबीआई (Reserve Bank of India) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दिसंबर 2022 तक जानबूझकर लोन देने वालों ने लगभग 3.4 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया था। आरबीआई को विलफुल डिफॉल्टर्स (विलफुल डिफॉल्टर्स नवीनतम अपडेट) के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी। पिछले कुछ वर्षों में जानबूझकर लोन नहीं चुकाने वालों की संख्या बढ़ी है।
आरबीआई के नियम लोन डिफॉल्टरों के लिए कहते हैं कि ऐसे लोन डिफॉल्टर सिर्फ अपराधियों और देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा हैं। आरबीआई ने इन लोगों को उधार लेकर भागने वालों की संज्ञा दी है। आरबीआई (RBI) के नियमों के अनुसार, बैंक जनता के पैसों की रक्षा करता है और जब लोन के रूप में लोगों को उधार दी राशि न लौटे तो दूसरे जमाकर्ताओं को इसका नुकसान उठाना पड़ता है।
आरबीआई ने ड्राफ्ट बनाया—
RBI ने जानबूझकर लोन नहीं चुकाने वालों (भुगतान करने की क्षमता होने के बावजूद) पर शिकंजा कसने का प्रस्ताव बनाया है। इन नियमों से जानबूझकर लोन नहीं चुकाने वाले लोगों की मुसीबत बढ़ सकती है।
RBI ड्राफ्ट (RBI draft willful defaulters) में कहा गया है कि जो लोग जानबूझकर 25 लाख रुपये से अधिक का लोन लिया है और उसे नहीं चुका रहे हैं, वे अब कड़ी कार्रवाई का सामना करेंगे। आरबीआई के ये नियम लोन देने वाले बैंकों और अन्य बैंकों की प्रतिक्रिया पर आधारित हैं। आरबीआई ने इन नियमों को ड्राफ्ट में शामिल करते समय अदालतों के सुझावों और फैसलों पर भी विचार किया है।
NPA अकाउंट को स्थानांतरित करना चाहिए
आरबीआई ने जानबूझकर लोन न भरने वालों को बैंकिंग सिस्टम और अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बताया है। आरबीआई का कहना है कि कुछ कानूनी बाधाओं के चलते लोन डिफ़ॉल्ट (loan default new rules) करना बहुत से लोगों का एक तरीका बन गया है। वे धनबल का इस्तेमाल कर बैंकिंग सिस्टम को खतरा बना रहे हैं।
आरबीआई ने विलफुल डिफॉल्टर्स (यानी विलफुल डिफॉल्टर्स के नवीन नियम) के लिए कहा है कि वे अपने पुराने एनपीए अकाउंट (NPA) को सेटल करने के बाद ही नए लोन दे सकते हैं। बैंकों को कोई खाता एनपीए होने पर छह महीने के भीतर विलफुल डिफॉल्टर का टैग लगाना चाहिए।
ग्राहकों को यह समस्या होगी-
किसी भी लोन लेनदार को विलफुल डिफॉल्टर घोषित करने पर कई समस्याएं होंगी। यह उनका सिबिल स्कोर गिरा देगा और उन्हें भविष्य में लोन नहीं मिलेगा। विलफुल डिफॉल्टर्स को पहले से लिए गए लोन को पुनर्गठित करने का भी मौका नहीं मिलेगा। आरबीआई ने अपने ड्राफ्ट में कहा है कि गैर बैंकिंग बैंकिंग कंपनियों (NBFC) को भी इन नियमों को लागू करना होगा।
अकेले बैंकों द्वारा ये नियम लागू करना पर्याप्त नहीं है। आरबीआई ने इस विषय में एक सर्कुलर (RBi Circular for loan willful defaulters) जारी करते हुए कहा कि जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों को लेकर भविष्य में बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों से लोन नहीं दिए जाने की ठोस व्यवस्था बनानी होगी ताकि धन का दुरुपयोग रोका जा सके।