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CRPF जवान ले रहा था अंतिम सांसें और अस्पताल दे रहा था रूल की दुहाई, हारा जिंदगी की जंग

कई बार नियमों के चलते बेवजह अनहोनी हो जाती है. तो ऐसे नियमों का भला क्या मतलब रह जाता है. देश की सुरक्षा के लिए जवान अपनी जान जोखिम में डालने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं, परंतु हमारे सिस्टम के सामने यदि जवान जिंदगी की जंग हार जाए तो ऐसे सिस्टम का कोई औचित्य
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CRPF जवान ले रहा था अंतिम सांसें और अस्पताल दे रहा था रूल की दुहाई, हारा जिंदगी की जंग

कई बार नियमों के चलते बेवजह अनहोनी हो जाती है. तो ऐसे नियमों का भला क्या मतलब रह जाता है. देश की सुरक्षा के लिए जवान अपनी जान जोखिम में डालने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं, परंतु हमारे सिस्टम के सामने यदि जवान जिंदगी की जंग हार जाए तो ऐसे सिस्टम का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा. हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के खातोद गांव रहने वाला सीआरपीएफ जवान कृष्ण कुमार सोमवार को गुरुग्राम के निजी अस्पताल के नियमों के आगे शहीद हो गया,

CRPF जवान ले रहा था अंतिम सांसें और अस्पताल दे रहा था रूल की दुहाई, हारा जिंदगी की जंगबता दें की रविवार सुबह महेंद्रगढ़-रेवाड़ी रोड पर सिगड़ी गांव के समीप जवान की बाइक को एक ट्राले ने टक्कर मार दी थी, इसमें जवान और उसका साला गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे प्राथमिक उपचार के बाद रेवाड़ी अस्पताल ने गुरुग्राम के लिए रैफर कर दिया. जिला गुरुग्राम के प्राइवेट अस्पताल वाले अपनी पॉलिसी की दुहाई देते रहे और 6-7 घंटे जिंदगी की जंग लड़ते हुए आखिरकार जवान शहीद हो गया.

जवान को पूरे गांव ने नम आंखों से अंतिम विदाई और राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार किया. शहीद का मासूम बेटा रोते हुए मुखाग्रि दे रहा था और गांव के लोग सरकारी सिस्टम के साथ ही प्राइवेट अस्पताल वालों को कोस रहे थे.

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