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जून जुलाई में करें मक्का की खेती, होगा अच्छा मुनाफा, पढ़िए तकनीक, बुआई सहित पूरी जानकारी,

पूरे विश्व में मक्का उत्पादन में अपना भारत 5वें स्थान पर है. हमारे देश में बहुतायत में मक्का की खेती की जाती है. मक्का का इंसान के आहार के अलावा पशु आहार, कुक्कुट आहार में भी इसका उपयोग किया जाता है. इसमें बड़ी मात्रा में स्टार्च पाया जाता है. वैसे, तो हमारे देश में मक्का
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जून जुलाई में करें मक्का की खेती, होगा अच्छा मुनाफा, पढ़िए तकनीक, बुआई सहित पूरी जानकारी,

पूरे विश्व में मक्का उत्पादन में अपना भारत 5वें स्थान पर है. हमारे देश में बहुतायत में मक्का की खेती की जाती है. मक्का का इंसान के आहार के अलावा पशु आहार, कुक्कुट आहार में भी इसका उपयोग किया जाता है. इसमें बड़ी मात्रा में स्टार्च पाया जाता है. वैसे, तो हमारे देश में मक्का बोने का प्रचलन काफी लंबे समय से चल रहा है, परंतु आजकल मक्का की विदेशी किस्म काफी उगाई जा रही है. तो आइए जानते हैं मक्का की खेती की पूरी जानकारी अंत तक पढ़िए-

जानकारी के लिए हम आपको मक्के की बुआई का सही समय बता रहें है. बरसाती मक्का की बुआई 10 जुलाई तक करना चाहिए. जबकि देर से पकने वाली मक्का की किस्मों को मई-जून माह के मध्य तक कर लेनी चाहिए. वहीं कम समय में पकने वाली मक्का को जून के अंत में बोना चाहिए. मक्का बोने के पंद्रह दिनों बाद खेत की निराई करना चाहिए जिससे खरपतवार मक्का की बढ़ोतरी को प्रभावित न करें.

जून जुलाई में करें मक्का की खेती, होगा अच्छा मुनाफा, पढ़िए तकनीक, बुआई सहित पूरी जानकारी,निराई गुड़ाई का सही समय और जानकारी,

मक्का का पौधा काफी सघन होता है. यह वजह है उचित समय पर निराई-गुड़ाई करना चाहिए. सही समय पर निराई गुड़ाई से ऑक्सीजन का संचार अच्छा होता है जिससे पौधे का विकास तेजी से होता है. मक्का बोने के 15 दिनों बाद पहली निराई करना चाहिए. जबकि दूसरी निराई 35 से 40 दिनों बाद करना चाहिए.

जान लीजिए मक्का की खेती के लिए बीज की मात्रा,

अगर मक्का की देशी प्रजाति की बुआई कर रहे हैं, तो प्रति हेक्टेयर 16 से 18 किलोग्राम मक्का की जरूरत पड़ेगी. वहीं, हाइब्रिड बीज 20 से 22 किलोग्राम लगता है. इसके अलावा मक्का की संकुल किस्मों की बुआई करने पर 18 से 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज लगेगा.

पढ़िए मक्का की खेती के लिए बुवाई की विधि

मक्का की अगेती किस्मों को पंक्ति से पंक्ति दूरी 45 सेंटीमीटर, पौधे से पौधे की दूरी 20 सेंटीमीटर और गहराई 3.5 सेंटीमीटर रखना चाहिए. वहीं मध्य और देर से पकने वाली किस्मों के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी 60 सेंटीमीटर, पौधे से पौधे की दूरी 25 सेंटीमीटर और गहराई 3.5 सेंटीमीटर होनी जरूरी है.

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