जीडीपी बढ़ाना है तो रोजगार पैदा कीजिए, पढ़िए मोनिका सिंह का एक लेख
The Chopal , New Delhi
Monika Singh Article : पिछले कुछ सालों से लगातार देश की जीडीपी गिरती जा रही परिणामस्वरूप लोगो का जीवन स्तर नीचे जा रहा है और लोगो के लिए दो वक्त के भोजन की व्यवस्था करना भी मुश्किल होता जा रहा है. हमारी आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब थी और फिर कोरोना महामारी ने दस्तक दी और महीनों तक लॉक डाउन रहने की वजह से आज हमारी अर्थव्यवस्था लगातार पीछे जा रही है.

किसी भी देश की जीडीपी तब बढ़ती है जब वंहा रह रहे नागरिकों के पास पर्याप्त मात्रा में धन उपलब्ध हो, और लोग उस धन का उपयोग लेन देन में करें. जबकि हमारे देश मे बेरोजगारी चरम सीमा पर को छू रही है. बेरोजगार लोगो को रोजगार नही मिल रहा और जिनकी नौकरी लगी है उनकी नौकरियां जा रही है और नए बेरोजगार देश मे पैदा हो रहे है. सीधा जा गणित है जब लोगो के पास रोजगार नही होगा तो वो अपने जीवन की आवश्यकता वस्तुओं पर भी खर्च नही कर सकेंगे.
जीडीपी बढाने का सबसे बेहतर तरीका है रोजगार बढ़ाने पर ध्यान दे केंद्र सरकार।
लोगो के पास रोजगार होगा,पैसा होगा तभी वो लोग उसे बाजार में खर्च करेंगे और जीडीपी उछलेगी।
— Dr Monika Singh (@MonikaSinghSays) July 27, 2021
2014 में भारतीय जनता पार्टी के प्रधनमंत्री पद के उम्मीदवार श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जोर शोर से प्रचारित किया गया था कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो 2 करोड़ रोजगार हर साल पैदा किये जायेंगे परन्तु ये सिर्फ एक चुनावी वादा बनकर ही रह गया है. देश के इस सबसे बड़े मुद्दे की चर्चा देश की मुख्य मीडिया में कभी भी नही होती और न ही अब इस मुद्दे को चुनावी मंचो पर दोहराया जाता. देश के सरकारी उपक्रम निजीकरण की तरफ अग्रसर है परंतु फिर भी बेरोजगारी दर में कोई कमी नही आ रही है.
बेरोजगार हुए लोगो को सरकार की तरफ से सीधे तौर पर आर्थिक सहायता मिलना बेहद आवश्यक
कोरोनाकाल में बेरोजगार हुए लोगो को सरकार की तरफ से सीधे तौर पर आर्थिक सहायता मिलना बेहद आवश्यक है लेकिन सरकार की तरफ से अब तक इस दिशा में कोई ठोस और आवश्यक कदम नही उठाये गए है जबकि पिछले साल कोरोनाकाल में राहत पैकेज के तौर पर सरकार ने 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की थी. अगर उस पैकेज से लोगो को आर्थिक मदद की जाती और रोजगार के अवसर बढ़ाये जाते तो आज देश आर्थिक तौर पर थोड़ा ज्यादा मजबूत जरूर हो गया होता.
आने वाले समय मे अगर रोजगार सृजन के लिए कोई कारगर नीति बनाकर उसे सख्ती से देश मे लागू नही किया गया तो वो दिन दूर नही जब देश का एक बड़ा तबका भूखे पेट सोने को मजबूर हो जाएगा. उच्च वर्ग तो बड़े आराम से अपना जीवन यापन कर रहा है और निम्न वर्ग को सरकार की तरफ से सहायता मिलती रहती है असल परेशानी माध्यम वर्ग को उठानी पड़ रही है. सरकार को तत्काल इस समस्या का समाधान करना पड़ेगा. और जितने भी पद अलग अलग विभागों में रिक्त है उनपर तत्काल भर्तियां चालू करवानी पड़ेंगी तभी जा कर लोगो को राहत मिलेगी. Monika Singh Article
लेखिका डॉ मोनिका सिंह समाज सेविका हैं और लगातार जनसरोकार के मुद्दे सोशल मीडिया में उठाती रहती है.
