भाजपा सरकार के पेट्रोल-डीजल के मूल्यों में निरंतर वृद्धि के जनविरोधी फैसले का हम विरोध करते है: अरुण शर्मा
The Chopal , New Delhi
Arun Sharma : देश में लगातार खाद्य पदार्थों, खाद्य तेल, पेट्रोल-डीजल, गैस की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि आमजन की कमर तोड़ रही है। डॉलर की तुलना मे भारतीय मुद्रा का अवमूल्यन हो रहा है। इस महामारी में देश की उत्पादन क्षमता भी कमजोर हुई है। अरुण जी ने कहा : जनता के जेब पर डकैती इसलिए डाली जा रही है कि चंद पूंजीपतियों की तिजोरी भरी जा सके।कच्चा तेल 70 डॉलर प्रति बैरल है, लेकिन पेट्रोल 106 रु प्रति लीटर तक बिक रहा है।
अरुण शर्मा जी ने कहा : आपदा में अवसर भाजपा का मूल मंत्र हो चुका है। पूरे देश ने देखा कि कोरोना काल में आम नागरिक की जो इनकम है, वह कम हुई है। ऐसे समय में सरकार से उम्मीद थी कि आम आदमी की मदद की जाए, लेकिन इस सरकार ने सिर्फ 20 लाख करोड़ के जुमले दिये।
जबसे देश मे भाजपा सरकार बनी है और मोदी जी प्रधानमंत्री बने है तबसे देश की जनता के बुरे दिन शुरू हो गए कांग्रेस के राज में पेट्रोल डीजल की कीमत 10 पैसे बढ़ने पर भाजपा के नेता सड़को पर झूठा विरोध प्रदर्शन करके जनता को गुमराह करते थे जबकि कांग्रेस के शासनकाल में पेट्रोल डीजल की कीमतें वाजिब थी और आम आदमी को महंगाई के कारण तकलीफे नही उठानी पड़ती थी लेकिन आज इस जनविरोधी ओर तानाशाही सरकार के राज में नासमझ राजा और अनपढ़ टीम के कारण देशवासियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है,
अरुण जी ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा : –
पेट्रोल डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर गरीब मजदूर का जीना दुश्वार हो चुका है, लेकिन मजाल है कोई भी भाजपा अपने शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ जनता के हक बात बोल दे। कांग्रेस पार्टी ने पेट्रोल डीजल की कीमतें कम कराने को लेकर गांव गांव ढाणी ढाणी शहर जिला प्रदेश और देश मे हर जगह विरोध प्रदर्शन व आंदोलन कर आमजन के हितों की आवाज बुलंद की लेकिन अफसोस ये तानाशाह सत्ता के नशे में चूर है और किसी की सुनते तक नही, लेकिन भाजपा से कहना चाहता हु ये जनता है यही सरकार बनाती है और यही सरकार को उखाड़ फेंकती है आने वाले चुनाव में देश की जनता भाजपा को करारा जवाब देकर सत्ता से उखाड़ फेंकेगी।
अरुण शर्मा जी ने कहा महंगाई से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। तेल,रसोई गैस और जरूरत की हर वस्तु की कीमतें आज आसमान छु रही हैं, आम जनता के लिए अपने घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है। सरकार को महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए।
