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देश विदेश के प्रसिद्ध व पद्मश्री न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर अशोक पनगड़िया का निधन,

देश के महान डॉक्टर में सुमार एक हस्ती और देश और यहां तक की विदेशों में प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट और पद्मश्री डॉक्टर अशोक पनगड़िया का शुक्रवार दोपहर करीब 3.50 बजे निधन हो गया. डॉक्टर पनगड़ियां पोस्ट कोरोना की बीमारी से झूझ रहे थे और काफी दिनों से वे वेंटिलेटर पर थे. उनकी स्थिति ज्यादा खराब होने
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देश विदेश के प्रसिद्ध व पद्मश्री न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर अशोक पनगड़िया का निधन,

देश के महान डॉक्टर में सुमार एक हस्ती और देश और यहां तक की विदेशों में प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट और पद्मश्री डॉक्टर अशोक पनगड़िया का शुक्रवार दोपहर करीब 3.50 बजे निधन हो गया. डॉक्टर पनगड़ियां पोस्ट कोरोना की बीमारी से झूझ रहे थे और काफी दिनों से वे वेंटिलेटर पर थे. उनकी स्थिति ज्यादा खराब होने के बाद दोपहर करीब 2.30 बजे उन्हें जयपुर स्थित ईएचसीसी अस्पताल से उनके निवास पर वेंटिलेटर सपोर्ट पर ही लाया गया था, परंतु करीब 2 घंटे बाद डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया.

डॉक्टर अशोक पनगड़िया के करीबी सूत्रों की मानें तो कोरोना के कारण उनके फेंफड़े (लंग्स) डेमेज हो चुके थे. 7 हफ्तों तक कोरोना से लड़ने के बाद अंत में डॉक्टर पनगड़िया जीवन की जंग हार गए. इससे पहले उनकी स्वस्थ्य होने के लिए पूरे देशभर में उनके करीबी और उनसे जुड़े लोग उनके जल्द ठीक होने की दुआएं कर रहे थे. उनके इलाज के लिए देश-विदेश के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लगी हुई थी, जिसमें टॉप मोस्ट नेफ्रोलॉजिस्ट, पल्मनोलॉजिस्ट, फिजीशियन शामिल हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं भी उनकी तबियत पर लगातार नजर गबनाए रखे हैं.

देश विदेश के प्रसिद्ध व पद्मश्री न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर अशोक पनगड़िया का निधन,
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के साथ डॉ. अशोक पानगड़िया

25 अप्रैल को आरयुएचएस में हुए थे भर्ती, तब सीटी स्कोर आया था 17 नजदीकी सूत्रों के अनुसार डॉक्टर पनगड़ियां को 24 अप्रैल को कोविड के लक्षण महसूस होने लगे थे, तब वे जेएलएन मार्ग स्थिति एक निजी लैब गए और वहां एचआरसीटी करवाई. सिटी स्कैन की रिपोर्ट में उनका स्कोर 17 आया था. जिसके बाद वे 25 अप्रैल को खुद जयपुर के आरयुएचएस अस्पताल में भर्ती हुए थे. बताया जा रहा है कि वहां उनकी तबियत खराब होने के बाद जवाहर सर्किल जयपुर के पास स्थित ईएचसीसी अस्पताल शिफ्ट कर दिया था.

डॉक्टर अशोक पनगड़ियों के करीबी की मानें तो उन्होंने इस बीमारी से करीब 10-12 दिन पहले कोवीशील्ड की दूसरी डोज एसएमएस अस्पताल जाकर लगवाई थी. वैक्सीन लगने के बाद कुछ दिन बाद उन्हें कोविड के लक्षण महसूस हुए और उन्होंने जब जांच करवाई तो कोविड की पुष्टि हुई.

जानकारी बता दें की 2014 में पद्मश्री और 2002 में डॉ. बीसी रॉय अवॉर्ड मिला न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर पनगड़िया को 1992 में राजस्थान गवर्नमेंट की ओर से मेरिट अवॉर्ड मिला. वे एसएमएस में न्यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष रहे. 2006 से 2010 तक प्रिंसिपल रहे। 2002 में उन्हें मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने डॉ. बीसी रॉय अवॉर्ड दिया. 2014 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया. उनके 90 से ज्यादा पेपर जर्नल में छप चुके हैं. उनकी मेडिकल और सोशल सहभागिता के चलते उन्हें यूनेस्को अवॉर्ड भी मिल चुका है. उन्हें कई फुल लाइफ बड़े बड़े अचीवमेंट अवॉर्ड भी प्राप्त हुए हैं.