सरकारी खरीद पर नहीं बिका सरसों का एक भी दाना

The Chopal : मंडियों में सरसों की प्राइवेट खरीद प्रक्रिया धड़ल्ले से चल रही है। सरकार ने 21 मार्च से न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीद करने की बात कही थी। प्रशासनिक स्तर पर खरीद की तैयारी भी की गई, लेकिन प्राइवेट मंडी में सरसों की कीमत एक-डेढ़ हजार रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से अधिक मिल रही है। जिस कारण कोई भी किसान घाटा उठाते हुए सरकार को सरसों नहीं बेच रहा। जिसके कारण सरकारी खरीद एजेंसियों के दूसरे दिन भी हाथ खाली रहे। जबकि झज्जर अनाज मंडी की बात करें तो करीब 500 क्विंटल सरसों खरीदी गई।
सरकारी खरीद शुरू होने के दो दिन बाद भी एक दाना तक नहीं खरीदा गया। इसका मुख्य कारण यह है कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ है और मंडी में मंगलवार को सरसों 6372 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिकी है। सरकारी खरीद के लिए जिले में छह खरीद केंद्र बनाए गए हैं, लेकिन इनमें से एक खरीद केंद्र पर भी सरसों की सरकारी खरीद शुरू नहीं हो पाई।
सोमवार के मुकाबले मंगलवार को सरसों की कीमत में 72 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई है। सोमवार को झज्जर अनाज मंडी में सरसों 6444 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिकी थी। वहीं मंगलवार को सरसों की अधिकतम बोली 6372 रुपये प्रति क्विंटल रही। जिससे साफ है कि मंगलवार को सरसों की कीमत में कमी आई है। हालांकि कुछ दिन पहले सरसों की कीमत साढ़े छह हजार से भी अधिक पहुंच गई थी।
-सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य कम निर्धारित किया है। ऐसे में आढ़ती ही किसानों की सरसों अच्छी कीमत पर खरीद रहे हैं। जिससे किसान भी खुश है। सभी किसानों को सरसों की अच्छी कीमत मिल रही है। मंगलवार को सरसों 6372 रुपये प्रति क्विंटल तक बिकी है। जो एमएसपी से करीब 1300 रुपये अधिक भाव है। इसलिए किसान प्राइवेट मंडी में सरसों बेचते हैं।
चांद सिंह, पूर्व प्रधान, अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन, झज्जर।