Haryana Panchayat Chunav: हरियाणा में पंचायत चुनाव अप्रैल से पहले नहीं, इससे भी अधिक देरी संभव, जानिए

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Haryana Panchayat Chunav 2022 : हरियाणा के पंचायत चुनाव के लिए आपको अभी और इंतजार करना पड़ेगा. राज्‍य में अप्रैल से पहले पंचायत चुनाव करवाया जाना संभव नहीं है. इसमें और अधिक देरी हो सकती है और राज्‍य में पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो चुका है.

Haryana Panchayat Election 2022:  हरियाणा के पंचायत चुनाव के लिए अभी और इंतजार बाकी है. प्रदेश में अप्रैल से पहले किसी भी सूरत में चुनाव करवाना संभव नहीं लग रहा है. हरियाणा के पंचायत चुनाव में आरक्षण के प्रावधान के खिलाफ दायर याचिकाओं पर हाई कोर्ट ने सुनवाई 21 मार्च तक स्थगित कर रखी है. हरियाणा सरकार ने कोर्ट में कहा है कि वह चुनाव करवाना चाहती है, लेकिन इस पर हाईकोर्ट ने आरक्षण को चुनौती देने वाले पक्ष से जवाब मांग गया है, जो अभी तक दायर नहीं किया गया है.

हाईकोर्ट ने इस केस पर सुनवाई के लिए 21 मार्च तय कर दी है. अगर माना जाए, उसी दिन कोई फैसला हो जाता, तब भी अप्रैल से पहले चुनाव नहीं होंगे. यह भी संभव है कि 21 मार्च को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट कोई अगली तारीख दे सकती है. ऐसे में पंचायत चुनाव लंबे खींच सकते है. प्रदेश सरकार के सामने अब पंचायत चुनाव से पहले शहरी निकाय चुनाव कराने के विकल्प के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बच रहा है.

हाई कोर्ट ने याची पक्ष को बताया कि पहले वह इस मामले में अपना जवाब दायर करे, तब मामले की आगे सुनवाई कि जाएगी. इस मामले में हरियाणा सरकार द्वारा एक अर्जी दायर कर चुनाव के लिए हाई कोर्ट से इजाजत मांगी गई है. हरियाणा सरकार ने दायर अर्जी में बताया है कि पिछले साल 23 फरवरी को ही पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो चुका है, इसलिए जल्द ही चुनाव कराए जाने जरूरी है. पंचायती राज एक्ट के दूसरे संशोधन के कुछ प्रावधान को हाई कोर्ट में 13 याचिकाएं दायर कर चुनौती भी दी हुई है.

ऐसे में राज्य सरकार के पास पहले शहरी निकाय चुनाव कराने के अलावा नहीं है कोई रास्ता 

पहले कोरोना के चलते सरकार ने यह चुनाव ना करवाने का हाई कोर्ट को आश्वासन दिया था. अब हालात सुधर चुके हैं, इसके बावजूद, सरकार ने चुनाव को लेकर कोई भी नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है. याचिकाकर्ता ने राज्य के पंचायत विभाग द्वारा 15 अप्रैल को अधिसूचित हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 2020 को भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बताकर रद किए जाने की हाई कोर्ट से मांग कर रखी है.

हाई कोर्ट को कहा कि इस संशोधन के तहत की गई नोटिफिकेशन के तहत पंचायती राज में आठ प्रतिशत सीटें बीसी-ए वर्ग के लिए आरक्षित हो चुकी है और यह तय भी किया गया है कि न्यूनतम सीटें दो से कम नहीं हो. याचिकाकर्ता के मुताबिक यह दोनों ही एक दूसरे के विपरीत हैं, क्योंकि हरियाणा में आठ प्रतिशत के मुताबिक सिर्फ छह जिले हैं, जहां दो सीटें आरक्षण के लिए निकलती हैं. अन्यथा 18 जिलों में सिर्फ एक सीट आरक्षित की जानी थी, जबकि सरकार ने 15 अप्रैल की नोटिफिकेशन के जरिए सभी जिलों में बीसी-ए वर्ग के लिए दो सीटें आरक्षित की हैं जो कानूनन गलत हैं.