चौपाल नामा : सिरसा जिले में पोहड़का गांव का इतिहास, पोड़ खां ने 400 साल पहले बसाया था गांव
Poharka Village History (Sirsa): सिरसा जिले में ऐलनाबाद शहर से 8 किलोमीटर दूर सिरसा रोड पर बसा गांव पोहड़का करीब 400 साल पहले मुगलों के समय में बसा था. पोड़ खां नामक मुस्लिम जमींदार ने अंग्रेज़ अधिकारी से गांव अलॉट करवा कर बसाया था. जिस वजह से गांव का नाम पोहड़का पड़ गया. मुस्लिम आबादी बहुल इस गांव में आजादी से पूर्व सैकड़ो परिवार रहते थे. जो देश विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए और कुछ परिवार राजस्थान चले गए.
करीब 9000 की जनसंख्या वाले इस गांव में सभी जाति धर्म के लोग मिलजुल कर रहते हैं गांव की 90 फ़ीसदी नालियां और गलियां पक्की बनी हुई है. गांव के पास से नहरे गुजरने के कारण गांव की 85% जमीन सिंचाई योग्य है. आधुनिक गांव में मिलने वाली सभी सुविधाएं गांव में मौजूद है. हमारी चौपाल नामा सीरीज में आप गांवों के इतिहास के बारे में पढ़ पाएंगे आपको इस सीरीज में सप्ताह में 1 दिन 1 गांव का इतिहास पढ़ने को मिलेगा.
धार्मिक आस्था रखते हैं ग्रामीण
बाबा रामदेव मंदिर जिसमें वर्ष में दो मेले लगते हैं श्री कृष्ण मंदिर, गोगामेड़ी, काली माता मंदिर, श्री हनुमान मंदिर, श्री विश्वकर्मा मंदिर, श्री रविदास मंदिर, श्री दुःख निरवाण गुरुद्वारा, श्री कृष्ण गौशाला में सैकड़ो गायों को आश्रय मिला हुआ है जहां ग्रामीण मिलजुल कर गायों की सेवा करते हैं.
सेवा में रहकर युवा कर रहे देश सेवा
गांव के दर्जन बरसे अधिक युवा भारतीय सेवा में सेवाएं दे रहे हैं गौरीशंकर गोदारा ने पायलट के रूप में अनेक देशों की यात्रा की है. राकेश बिजारणिया स्विट्जरलैंड में हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में सेवाएं दे रहे हैं और उनकी पत्नी डॉक्टर तजीर भी वैज्ञानिक है. वही हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों में गांव के युवा अपनी सेवाएं दे रहे है.
गांव में कई खास सुविधाएं
ग्राम सचिवालय, सीनियर सेकेंडरी स्कूल, बस स्टैंड, खेल स्टेडियम, बिजली घर, जलघर, जोहड़, पैक्स समिति, पशु अस्पताल, सीएचसी अस्पताल, स्वागतद्वार, राशन डिपो, आंगनबाड़ी, चौपाल, दो पार्क गांव में मौजूद है.
जनसंख्या : 9000
साक्षरता : 65%
जिला मुख्यालय से दूरी 35 किलोमीटर
कनेक्टिविटी : सिर्फ सड़क मार्ग रेलवे मार्ग नहीं
प्रसिद्ध : बाबा रामदेव मंदिर जिसमें साल में दो मेलों का आयोजन होता है.
