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Haryana ने इन 2 राज्यों को गेहूं खरीद पछाड़, 7 मिलियन टन खरीदी गई

Wheat Purchase : हरियाणा में गेहूं खरीद की प्रक्रिया अभी भी जारी है। गेहूं खरीदने के साथ-साथ उठान भी होता है। सरकार एमएसपी दर पर गेंहु खरीद रही है। लगभग हर राज्य से गेंहू की खरीद के रिकॉर्ड हैं। हाल ही में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, गेहूं की खरीद में इस बार हरियाणा ने इन राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। यही कारण है कि ओपन मार्केट में एमएसपी से अधिक मूल्य होने के बावजूद सरकार खरीद कर पाएगी?

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Haryana ने इन 2 राज्यों को गेहूं खरीद पछाड़, 7 मिलियन टन खरीदी गई

The Chopal : हरियाणा में गेहूं खरीद का काम बड़े जोरों शोरों से चल रहा है। सरकार एसपी पर किसानों से गेहूं खरीद कर रही है। अब तक हरियाणा में 7 मिलियन यानी 70 लाख टन गेहूं खरीदी जा चुकी है।  रबी सीजन की फसलों की कटाई के बाद अब सरकार गेहूं खरीदने लगी है। अब तक लगभग 7 मिलियन टन, या 70 लाख टन खरीदी गई हैं। अब हरियाणा ने मध्य प्रदेश को पीछे छोड़ दिया है, जो अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने में सबसे आगे था।  आपके लिए बता दें कि हरियाणा ने 31,25,635 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा है, जबकि मध्य प्रदेश ने 24 लाख 29 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा है। इस मामले में, राज्य, जिसे सबसे अधिक गेहूं खरीदने का लक्ष्य दिया गया है, बहुत पीछे है। अब तक वहां से सिर्फ 7,86,700 मीट्रिक टन गेहूं खरीद लिया गया है। इस साल पंजाब में खरीद काफी कम है।

दूसरी ओर, देश का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य, उत्तर प्रदेश, अब तक सिर्फ 3,24,000 मीट्रिक टन गेहूं खरीद सका है। सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं बेचने से लोग बच रहे हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में खुले बाजार में गेहूं की कीमत एमएसपी से अधिक है। उत्तर प्रदेश का लक्ष्य 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदना है। ऐसे में यह लक्ष्य से अभी भी दूर है। 

सरकार पर ज्यादा खरीद का है दबाव

इस साल बफर स्टॉक में गेहूं की कीमत 16 साल के सबसे निचले स्तर पर आई है, इसलिए केंद्र सरकार पर गेहूं खरीदने का दबाव है। लेकिन गेहूं खरीदने का सरकारी लक्ष्य पिछले दो वर्षों से पूरा नहीं हुआ है, क्योंकि ओपन मार्केट में इसका मूल्य एमएसपी से अधिक था। गेहूं की कीमत भी इस साल एमएसपी से अधिक है, इसलिए बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार अपना खरीद लक्ष्य पूरा कर पाएगी। सरकार ने 372.9 लाख टन या 37.29 मिलियन टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है। 

ये है सबसे कम गेहूं खरीद वाले सूबे

जानकारी के लिए बताया जाना चाहिए कि बिहार में अब तक सिर्फ 3,310 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है, जबकि सरकार ने झूठ बोलकर 2 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा था। उत्तराखंड में 102 टन खरीदा गया है, जबकि लक्ष्य 50 हजार मीट्रिक टन था।  राजस्थान की गेहूं की कीमत 20 लाख टन है, लेकिन अब तक सिर्फ 1 लाख 34 हजार मीट्रिक टन की खरीद हो सकी है। हिमाचल प्रदेश केवल 193 मीट्रिक टन खरीद पाया है। फिर भी, सरकार को उम्मीद है कि इस साल कई राज्यों ने अपने खरीद लक्ष्य को पूरा किया होगा। पिछले वर्ष के लक्ष्य से अधिक गेहूं किसी भी राज्य ने नहीं खरीद पाया।