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हरियाणा के 4 जिलों से गुजरेगा नेशनल हाईवे 334B, कई राज्यों को आपस में जोड़ेगा

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National Highway 334B

The Chopal, Haryana

National Highway 334B : हरियाणा प्रदेश के आमजन को नए साल के शुभ अवसर पर एक नया राष्ट्रीय राजमार्ग मिलने वाला है. यह नेशनल हाईवे हरियाणा को राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश से जोड़ने का काम करेगा. साथ ही यह नेशनल हाईवे NH-44 के साथ भी जुड़ेगा. हरियाणा प्रदेश के लोगों को आसपास के राज्यों में जाने में कम समय लगेगा और यात्रा आरामदायक होगी.

इन राज्यों से गुजरेगा नया हाईवे 

वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग 334B के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 334B का काम जनवरी 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा. यह नेशनल हाईवे उत्तर प्रदेश-हरियाणा सीमा के पास बागपत से शुरू होकर हरियाणा के रोहना में समाप्त होता है. NH-334B हरियाणा के रास्ते उत्तर प्रदेश से राजस्थान तक यात्रियों को बेहतर और अच्छी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. साथ ही इस हाईवे के बदले के बाद यात्रियों को दिल्ली के भारी ट्रैफिक से भी निजात मिलेगी. बिना किसी रूकावट के यात्री आसानी से हरियाणा के रास्ते उत्तर प्रदेश से राजस्थान का सफर तय करेंगे.

हरियाणा प्रदेश इन जिलों से गुजरेगा NH 334B

राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन बनाने के लिए 23 गांवों की 6797 कनाल भूमि का अधिग्रहण किया गया. उत्तर प्रदेश के मेरठ, बागपत से होकर आने वाली सड़क सोनीपत, रोहतक, झज्जर, चरखी दादरी से होते हुए भिवानी के लोहारू में राजस्थान सीमा तक जाएगी. राष्ट्रीय राजमार्ग 334B भी सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग-44 से जुड़ता है. फिलहाल यात्रियों को सफर करने में लगभग 4 से 5 घंटे का समय लगता है. एनएच बनने से दिल्ली और चंडीगढ़ जाने वाले यात्रियों को आसानी होगी और समय की भी बचत होगी.

नए पेड़ लगाए जाएंगे 

साथ ही राज्यसभा में एक लिखित जवाब में नितिन गडकरी ने कहा कि जिन हाईवे के निर्माण और विकास कार्य में पेड़ो की कटाई हुयी है, सरकार उसके उचित मुआवजा देगी. उन्होंने आगे कहा कि ऐसे विकास कार्यों में अधिक-अधिक से यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाता है कि प्रकृति को नुकसान न हो और कम से कम पेड़ काटे जायें. इन कार्यों में अगर पारिस्थितिकी को नुकसान पहुँचता है तो सरकार मुआवजा देने के लिए तैयार है. सरकार इसके लिए सड़कों के किनारे और बीच में ठेकेदारों और वन विभाग की मदद से पेड़ लगाया जा रहा है.