ओपी चौटाला (OP CHAUTALA) की JBT मामले में सज़ा पूरी, औपचारिक तौर पर आज होंगे रिहा

THE CHOPAL , HARYANA OP CHAUTALA :हरियाणा प्रदेश के पूर्व सीएम चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की जेबीटी (JBT) मामले में सजा पूरी हो गई. औपचारिक तौर पर आज ओमप्रकाश चौटाला दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा होंगे. ओपी चौटाला की स्पेशल रिमिशन मंजूर कर दी गई है. सजा पूरी होने से 6 महीने पहले ही वह
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ओपी चौटाला (OP CHAUTALA) की JBT मामले में सज़ा पूरी, औपचारिक तौर पर आज होंगे रिहा

THE CHOPAL , HARYANA 

OP CHAUTALA :हरियाणा प्रदेश के पूर्व सीएम चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की जेबीटी (JBT) मामले में सजा पूरी हो गई. औपचारिक तौर पर आज ओमप्रकाश चौटाला दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा होंगे. ओपी चौटाला की स्पेशल रिमिशन मंजूर कर दी गई है. सजा पूरी होने से 6 महीने पहले ही वह जेल से रिहा होंगे. स्पेशल छूट की वजह से सजा 6 महीने कम की गई.

ओपी चौटाला (OP CHAUTALA) की JBT मामले में सज़ा पूरी, औपचारिक तौर पर आज होंगे रिहा
ओम प्रकाश चौटाला

बता दें कि फरवरी, 2013 में हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला एवं उनके विधायक बेटे अजय चौटाला को 3 अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ फर्जी कागजात का इस्तेमाल करके राज्य में 3 हजार से अधिक शिक्षकों की अवैध रूप से भर्ती करने के आरोप में सीबीआई की विशेष अदालत ने दस साल की सजा सुनाई थी.

पढ़िए यह था पूरा मामला,

बता दें कि रोहिणी स्थित विशेष सीबीआई जज विनोद कुमार ने 308 पेज के अपने फैसले में इनैलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला को घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता करार दिया था. वर्ष 1999-2000 के दौरान 3206 जूनियर बेसिक ट्रेंड (JBT) शिक्षकों की भर्ती में घोटाले के इस मामले में पूर्व आईएएस (IAS) संजीव कुमार, पूर्व आईएएस विद्याधर, मौजूदा विधायक शेर सिंह बडशामी और 16 महिला अधिकारियों को भी दोषी करार दिया था. वहीं संजीव कुमार ने ही सबसे पहले इस घोटाले का खुलासा किया था, परंतु सीबीआई जांच में वह खुद भी इसमें लिप्त पाए गए. OP CHAUTALA

जानकारी बता दें की विद्याधर तब चौटाला के ओएसडी थे, जबकि बडशामी उनके राजनीतिक सलाहकार थे. संजीव कुमार ने साल 2003 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी. सीबीआई ने वर्ष 2004 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जेबीटी मामले की जांच शुरू की थी. जांच एजेंसी ने 2008 में कुल 62 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. सीबीआई अदालत ने जुलाई 2010 में आरोप तय किए थे. मामले की सुनवाई लगभग 2 साल 6 महीने पहले सीबीआई अदालत में शुरू हुई थी

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