बच्चों के लिए गाय और भैंस किसका दूध है फायदेमंद, जानिए एक्सपर्ट की राय

Cow vs Buffalo Milk: शरीर के संपूर्ण विकास के लिए दूध को एक कंपलीट फूड माना जाता है। दूध में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन और खनिज लवण पाए जाते हैं जो बच्चे की वृद्धि और विकास के लिए जरूरी हैं।
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बच्चों के लिए गाय और भैंस किसका दूध है फायदेमंद, जानिए एक्सपर्ट की राय

The Chopal, Cow vs Buffalo Milk : अगर आप मां के दूध के बाद बच्चे के लिए गाय या भैंस का दूध लगवाने की सोच रहे हैं लेकिन इस सवाल से परेशान हैं कि अपने बहुत छोटे बच्चों को गाय या भैंस, किस जानवर का दूध पिलाया जाए तो आपकी टेंशन को दूर करने के लिए पीडियाट्रिशियन अर्पित गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है। आइए डॉक्टर अर्पित गुप्ता से जानते हैं बच्चे की सेहत के लिए गाय या फिर भैंस कौन सा दूध है अच्छा।   

माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे की सेहत हमेशा अच्छी बने रहे और इसीलिए वे बच्चों के खानपान पर पूरा ध्यान भी देते हैं। यही वजह है कि कुछ लोग गाय के दुध को इस्तेमाल में लेते हैं तो वहीं कुछ लोग भैंस के दूध का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में लोगों के दिमाग में अक्सर ये बात घूमते रहती है कि आखिर दोनों दूध में फर्क क्या है? बच्चे के लिए बेस्ट क्या है? तो आपको बता दें, वैसे तो दोनों दूध पीने में सुरक्षित और पौष्टिक हैं। बावजूद इसके बच्चों के डॉक्टर छोटे बच्चों को गाय का दूध पिलाने की सलाह देते हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे छिपा कारण। 

बच्चे के लिए गाय का दूध 

गाय के दूध में भैंस के दूध की तुलना में प्रोटीन और फैट कम मात्रा में होता है। जिसकी वजह से यह हल्का और पचने में ज्यादा आसान है।
गाय के दूध में सेल्युलोट की मात्रा कम और पानी की मात्रा ज्यादा होने से यह बच्चे की किडनी की सेहत को अच्छा बनाे रखने में मदद करता है।  
गाय का दूध पतला होता है। इसमें करीब 90 प्रतिशत पानी होता है जो शरीर को हाइड्रट रखता है।
बच्चों को गाय का दूध पिलाने चाहिए। इस दूध को पचाना आसान होता है और इसमें विटामिन डी की मात्रा ज्यादा होती है। 

कब से देना शुरू करना चाहिए 

डॉक्टर अर्पित गुप्ता कहते हैं कि छोटे बच्चों को गाय या भैंस का दूध उसके एक साल से बड़ा होने पर देना शुरू करना चाहिए। 

कितना दूध पिलाना सही-

बच्चों को ज्यादा से ज्यादा 500 से 600 मिलीलीटर दूध रोजाना दिया जा सकता है। इससे ज्यादा दूध बच्चे को पिलाने पर बच्चे को एनीमिया  या कब्ज की शिकायत हो सकती है।

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