बिहार के औरंगाबाद जिले में नवीनगर प्रखंड के करमडीह गांव निवासी युवक अमरेश सिंह द्वारा विश्व की सबसे महंगी सब्जी हॉप शूट्स की कथित खेती की और दावा किया कि उसने ट्रायल के तौर पर खेती शुरू की, पर बीमार पड़ जाने के कारण उनके पार्टनर देखरेख नहीं कर सके. इस वजह से फसल सूख गई. अब फिर से खेती करेंगे. इस खबर में दावा किया जा रहा था कि खेती 60% तक सफल रही थी.
इस खबर से चैंके कृषि विभाग के अधिकारी जब जायजा लेने गांव पहुंचे तो वहां कोई खेती नहीं थी. स्थानीय लोगों ने भी इस संबंध में अनभिज्ञता जाहिर की. सहायक उद्यान निदेशक जितेंद्र कुमार के अनुसार ऐसी कोई खेती औरंगाबाद में नहीं की गई. इस मामले में अमरेश से जब फोन पर पूछताछ की गई तो उसने नालंदा जिले में खेती की बात बताई परंतु नालंदा में भी ऐसी कोई खेती नहीं मिली. उद्यान निदेशक जितेंद्र कुमार ने बताया कि अमरेश के दावे की उच्चस्तरीय जांच की जा रही है. अगर फेक फॉर्मिंग का मामला सही पाया गया तो कार्यवाही की जाएगी. जिला कृषि कार्यालय के अधिकारी इस पर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं.
अमरेश का दावा भी फेक निकला कि वह यूपी के गोंडा में 20 एकड़ जमीन लीज पर लेकर हॉप शूट्स उगा रहा है और इस खेती के लिए वाराणसी में डॉ. लाल से प्रशिक्षण लिया है परंतु इस संबंध में जब भारतीय सब्जी अनुसंधान केंद्र, वाराणसी के निदेशक डॉ. जगदीश सिंह बात की गई, तो उन्होंने पूरी खबर को फर्जी बताते हुए कहा कि उनके यहां न कोई डॉ. लाल हैं और न ही हॉप शूट्स नाम की दुनिया की सबसे महंगी सब्जी का बीज तैयार किया गया है.
उधर कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जो तस्वीर इंटरनेट मीडिया पर दिख रही है वह हॉप शूट्स नहीं है. बल्कि कुछ और है.