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इंसानों की तरह पशुओं में गर्भ जांच के लिए किट बनकर तैयार, खर्चा बिलकुल ना के बराबर, देखें

हरियाणा प्रदेश के जिले हिसार में केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों ने एक और शानदार उपलब्धि पशुओं में गर्भ जांच किट तैयार करने में सफल हुए है. इस किट को केन्द्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेंद्र तोमर ने वर्चुअल कार्यक्रम में लॉन्च किया. यह किट इंसानों की प्रेग्नेंसी किट की तरह ही कार्य करेंगी.
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इंसानों की तरह पशुओं में गर्भ जांच के लिए किट बनकर तैयार, खर्चा बिलकुल ना के बराबर, देखें

हरियाणा प्रदेश के जिले हिसार में केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों ने एक और शानदार उपलब्धि पशुओं में गर्भ जांच किट तैयार करने में सफल हुए है. इस किट को केन्द्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेंद्र तोमर ने वर्चुअल कार्यक्रम में लॉन्च किया. यह किट इंसानों की प्रेग्नेंसी किट की तरह ही कार्य करेंगी. अभी तक पशुओं में प्रेग्नेंसी जांचने के लिए कोई भी किट बाजार में उपलब्ध नहीं थीं जिसको लेकर आमतौर पर देखने में आता था कि पशु पालक पशुओं की प्रेग्नेंसी को लेकर काफी चिंतित रहते थे क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भ जांच लगभग 3-4 महीने बाद की जाती थी जो कि एक तरह से पशुपालकों के लिए बहुत ही नुकसानदायक साबित होता था.

इंसानों की तरह पशुओं में गर्भ जांच के लिए किट बनकर तैयार, खर्चा बिलकुल ना के बराबर, देखेंवहीं अगर यही प्रेग्नेंसी पशु गर्भित होने के 20 दिन पर चेक हों जाएं तो इसका उन्हें बहुत ज्यादा लाभ मिल सकता है. क्योंकि अगर पशु गर्भित नहीं है तो समय पर उपचार करवाया जा सकता है. यह टेस्ट किट पशुपालकों को यही मौका देंगी. कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने सीआइआरबी के निदेशक, टेस्ट किट की खोज करने वाले डा अशोक बल्हारा और उनकी टीम की काफी तारीफ की है. किट तैयार करने वाली टीम में शामिल सदस्य डॉ अशोक बल्हारा, डॉ सुशील फुलिया, डॉ राकेश शर्मा, डॉ सुमन व डॉ अशोक मोहंती है.

डेयरी पशुओं से उनके जीवन काल के दौरान अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए उनका जल्दी गाभिन होना व गर्भ जांच बहुत आवश्यक है. ऐसा माना जाता है कि डेयरी पशु का एक ताव चक्र बगैर गाभिन रहें छूट जाएं तो किसानों को तकरीबन 5000-10000 तक का नुकसान झेलना पड़ता है. खाली पशु किसान पर एक बोझ की तरह होता है और कोई पशु खाली निकल आता है तो पशु पालकों को बहुत नुक्सान सहना पड़ता है. ऐसे में इस किट की मदद से पशुओं की जल्दी पहचान कर उन्हें गाभिन कराया जा सकेगा.

किट का खर्चा मात्र 10 रुपए

इस किट की मदद से 20 दिन के गर्भ का आसानी से पता लगाया जा सकता है. इसके लिए आपको थोड़े से पशु मूत्र की जरूरत होती है जो कि पशु पालक घर पर आसानी से लें सकता है. एक बार की प्रेग्नेंसी जांचने के लिए आपको महज 10 रुपए खर्च वहन करने पड़ते हैं.

कैसे करेगी यह किट काम

टीम का नेतृत्व करने वाले डॉ अशोक बल्हारा ने बताया कि मूत्र से गर्भ जांच की किट एक जैव रासायनिक प्रक्रिया पर आधारित टेस्ट है. जिसमें मूत्र का रंग कुछ रासायनिक पदार्थ डालने तथा गर्म करने पर बदल जाता है. इस प्रक्रिया को एक आम आदमी आसानी से घर पर कर सकता है. इस टेस्ट के लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती और परिणाम को आंखों के माध्यम से आसानी से देखा जा सकता है. मूत्र द्वारा आसानी से गर्भ जांच करने की यह विशिष्ट एकमात्र, सस्ती ( प्रति टेस्ट मात्र 10 रूपए) व वैकल्पिक विधि है.

सीआईआरबी हिसार के निदेशक डॉ टीके दत्ता ने कहा कि यह हमारे संस्थान के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. हमें गर्व है कि हमारा संस्थान पशुपालकों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहता है और पशुपालकों की भलाई के लिए नई-नई खोजें करता रहता है. गर्भ जांच किट इसी का नतीजा है.

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