बिजाई ज्यादा होने के बाद भी ग्वार भाव में आ सकता है भारी उछाल, स्टॉक के लिए बढ़ जाएगी मांग, पढ़िए रिपोर्ट

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Guar bhav

Guar Bhav: 10 साल पहले किसानों को ग्वार ने मालामाल कर दिया था। धरती पुत्रों ने उस समय सोचा भी नहीं था कि ग्वार का दाना आसमां पर इतनी उछलकूद करने के बाद कभी गिरेगा तो धड़ाम से गिरेगा। अब दस साल पहले वाली बात तो नहीं रहेगी, लेकिन गत वर्ष की अपेक्षा इस बार फसल ज्यादा है। इसके बावजूद भावों में उछाल आएगा, इसकी उम्मीद की जा रही है। ग्वार का कैरीओवर (स्टॉक) भी कम पड़ा है। काबिलेगौर है कि इस फसल को पूरी तरह से परिपक्व होने में बरसात की आवश्यकता होती है। बरसाती पानी की वजह से ही इस फसल की फलियां खेतों में इठलाती रहती हैं लेकिन इस बार समय पर बरसात न होने से फलियां पूरी तरह से वयस्क नहीं हो पाईं। इस वजह से उत्पादन भी कमजोर हो गया। उत्पादन की इसी कमी से भविष्य में ग्वार के भावों में उछाल आने की संभावना जताई जा रही है।

पिछले वर्ष से 50 लाख बोरी उत्पादन ज्यादा

आमतौर पर ग्वार की फसल का अनुमान देखते हैं, तो 85 लाख से एक करोड़ बोरी होती है। गत दो साल से फसल में कमजोरी आई है। सन 2019-20 में 65 लाख बोरी और 2020-21 में 50 लाख बोरी हुई थी। यह सामान्य से कम थी। इस बार की बात करें, तो बिजाई के समय 1.42 करोड़ बोरी उत्पादन की उम्मीद सरकार ने बांधी थी। लेकिन विभिन्न सर्वे से यह बात सामने आई है कि इस साल भी उत्पादन एक करोड़ बोरी के आसपास ही रहेगा। हालांकि, मांग अधिक होने तथा कैरीओवर कम होने के कारण इसका असर भावों में उतार-चढ़ाव के रूप में देखने को मिल सकता है। गत वर्ष अनेक राज्यों में 23 लाख 90 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में ग्वार की बिजाई की गई थी। जबकि इस वर्ष बिजाई का क्षेत्रफल 29 लाख 80 हजार हैक्टेयर है। गत साल 45 से 50 लाख बोरी ग्वार हुआ था।

3 बरसात की दरकार

ग्वार की फसल को पूरी तरह से तैयार होने में तीन बरसात चाहिए होती है। ऐसा नहीं है कि एक साथ ही तीन बरसात आ जाए। अगर एक साथ बरसात आ जाती है, तो भी फसल परिपक्व नहीं हो पाती है। फसल को परिपक्व होने के लिए अंतराल से बरसात की आवश्यकता होती है। ग्वार की बिजाई जुलाई में होती है। इसके बाद अगस्त तक तीन बरसात होती है, तो फसल तैयार होती है।

आठ हजार रुपए प्रति क्विंटल की उम्मीद

फसल कम होने के कारण इस बार सात से आठ हजार रुपए प्रति क्विंटल भाव होने की उम्मीद है। वर्तमान में ग्वार के भाव करीब छह हजार रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है, लेकिन जैसे-जैसे बोरी की आवक कम होगी। वैसे-वैसे भावों में उछाल आता जाएगा। इस समय देश की अनेक मंडियों में तीस हजार बोरी तथा बीकानेर मंडी में दो हजार बोरी प्रतिदिन आवक हो रही है।

भाव बढ़ने की संभावना

गत दो साल के मुकाबले ग्वार की फसल एक करोड़ बोरी होने के बावजूद खपत और वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए भाव बढ़ने की संभावना है। ग्वार की खपत भी बढ़ेगी और स्टॉकिस्ट भी बाजार में आएंगे। ग्वार स्टॉक के लिए एक करोड़ बोरी ग्वार की आवश्यकता है, जो स्टाकिस्टों को चाहिए। इस समय 75 लाख बोरी स्टॉक में है। इसके अलावा पर्यावरण की चिंता को देखते हुए कैमिकल्स की जगह गम का उपयोग बढ़ने लगेगा। गम का उपयोग तेल के कुओं तथा अन्य फूड सेक्टर में किया जाता है.

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- पुखराज चौपड़ा, कृषि जिंस विशेषज्ञ