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Chana: चना के भावों में आई फिर तेजी, 1 महीने में हुआ 10 फीसदी महंगा

Chana Price Hike : भारतीय बाजार में चने की कीमतों में भी पिछले तीन हफ्तों में 10% की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इससे सरकार को त्योहारी सीजन से पहले महंगाई की चिंता हो रही है। हालाँकि, सरकार त्योहारी सीजन से पहले खास तौर पर अरहर और चना दाल की आपूर्ति पर भी दृष्टि बनाए हुए है।
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Chana: चना के भावों में आई फिर तेजी, 1 महीने में हुआ 10 फीसदी महंगा

Food Inflation : भारतीय मार्केट में लोगों का सोचना है कि हरी सब्जियां ही ज्यादा महंगी हुई हैं, मगर ऐसा न होकर, बाजार में चने की कीमतों में भी पिछले तीन हफ्तों में 10% की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इससे सरकार को त्योहारी सीजन से पहले महंगाई की चिंता हो रही है। हालाँकि, सरकार त्योहारी सीजन से पहले खास तौर पर अरहर और चना दाल की आपूर्ति पर भी दृष्टि बनाए हुए है। इसके उद्देश्य से सरकार के अधिकारियों ने व्यापारियों के साथ बैठक करनी शुरू कर दी है। तुम्हारी सीजन से पहले दाल दुल्हन के दामों में कमी आ सकती है।

एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि उपभोक्ता विभाग ने दाल उद्योग के स्टेकहोल्डर्स के साथ एक चर्चा की है। जिसमें चना दाल के दामों को नियंत्रित करने के उपायों पर चर्चा हुई है। विशेष रूप से, जनवरी से चना दाल के दाम 37 प्रतिशत बढ़े है। ऐसे में, खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों ने भारत की मुख्य मुद्रास्फीति को केंद्रीय बैंक द्वारा निर्धारित 4 प्रतिशत लक्ष्य से अधिक कर दिया है।

4 हजार रुपए प्रति टन बढ़ा, गेहूं का भाव

वहीं, सरकार गेहूं की बढ़ती कीमतों को कम करने की कोशिश कर रही है। इसके चलते, सरकार बफर स्टॉक से गेहूं बेच सकती है। जिसको लेकर सरकार द्वारा योजना तैयार की जा रही है। सरकार का मानना है कि उसके इस निर्णय से गेहूं की सप्लाई बढ़ेगी, जिससे कीमतें गिर सकती हैं। महंगाई इतनी बढ़ गई है कि अप्रैल में 24,000 रुपये प्रति टन गेहूं की कीमत अब 28,000 रुपये प्रति टन पर पहुंच गई है।

सरकार करेगी, बाजार में हस्तक्षेप

विशेष रूप से, इस समय गेहूं दर नौ महीने के ऊपरी स्तर पर चल रही है। अधिकारी ने इसकी सूचना देते हुए कहा कि सितंबर से दिसंबर तक चलने वाले त्योहारी सीजन पर अनाज और अन्य खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ने को लेकर सरकार द्वारा इस पर कड़ी नजर रखी जाएगी। अगर जरूरी हुआ तो सरकार बाजार में हस्तक्षेप कर सकती है।

1 अगस्त तक गेहूं का स्टॉक था, 26.8 मिलियन टन

अधिकारी ने बताया कि सितंबर से दिसंबर महीने के समय शादियों का सीजन काफी जोरों पर रहता है और दशहरा और दीवाली जैसे त्यौहार भी इसी समय में आते हैं। जिसके कारण बाजार में गेहूं की मांग बढ़ने वाली है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य कार्यक्रमों के लिए गेहूं उपलब्ध करवाने के बाद भी गेहूं का स्टॉक बचेगा। भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने पिछले वर्ष ओपन मार्केट में 10 मिलियन टन गेहूं बेचा था। 1 अगस्त को सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक 26.8 मिलियन टन था। जो कि अभी गिरने के बाद 4.4% काम हुआ है।