Chana top 5 variety: चने में खूब सारी पैदावार देने वाली ये 5 किस्में, जानिए खासियत
Gram Farming : चने को आमतौर पर छोलिया या बंगाल ग्राम भी कहा जाता है, जो कि भारत की एक महत्तवपूर्ण दालों वाली फसल है। यह मनुष्यों के खाने के लिए और पशुओं के चारे के तौर पर प्रयोग किया जाता है। चने सब्जी बनाने के काम आते हैं जबकि पौधे का बाकी बचा हिस्सा पशुओं के चारे के तौर पर प्रयोग किया जाता है।

Top 5 Varieties Of Gram : रबी फसलों की बुवाई का सीजन चल रहा है। ऐसे में किसानों को अच्छी किस्म के बीजों की आवश्यकता होती है ताकि बेहतर पैदावार हो सके। रबी फसलों की बहुत सी अधिक उत्पादन देने वाली किस्में हैं जिसकी जानकारी किसानों को होनी चाहिए। रबी फसलों की किस्मों के क्रम में आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसान भाइयों को चने की अधिक उत्पादन देने वाली टॉप 5 किस्मों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
चने की नई किस्म जे.जी-12
वैज्ञानिकों ने सीड हब परियोजना के अन्तर्गत जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय द्वारा चना की नई अधिक उत्पादन देने वाली किस्म विकसित की है। ये किस्म उकठा निरोधक प्रजाति से विकसित की गई है। चने की इस नई किस्म से करीब 22-25 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। ये किस्म उकठा रोग प्रतिरोधी किस्म है। चने की इस नई किस्म का बीज कृषि विज्ञान केंद्र-कुंडेश्वर रोड टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) से प्राप्त किया जा सकता है।
2. चना पूसा मानव ( BGM – 20211 ) किस्म
Gram Varieties | चने की यह अत्यंत उन्नत किस्म पूसा एव (IARI) नई दिल्ली द्वारा हाल ही में मध्य क्षेत्र हेतु जारी की है जो कि म.प्र., राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, विदर्भ क्षेत्र के लिए अनुशंसित है। चने की यह एक चमत्कारी एडवांस जनरेशन की जिनोमिक्स तकनीक से बनी एक उन्नत किस्म है।
इस किस्म की अवधि काफी अर्ली लगभग 108 से 110 दिन, दाना पीला (गहरा भूरा), आकर्षक 100 दानों का वजन लगभग 20 ग्राम, बीज दर 25-30 किलो एकड़ यह विल्ट (उक्टा) के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी किस्म है यह शुष्क, जड़ गलन, कालर राट एवं बोने पन के प्रति मध्यम रूप से प्रतिरोधी है।
फुले 9425-5 किस्म
फुले 9425-5 किस्म बंपर उत्पादन के लिए जानी जाती है. इसे फुले कृषि विश्वविद्यालय राहुरी ने विकसित किया है. अक्टूबर से नवंबर का महीना इसकी बुवाई के लिए बेहतर होता है. यह 90 से 105 दिन में पककर तैयार हो जाती है. फुले 9425-5 की उप्तादन क्षमता 40 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक है.
जवाहर चना-24
इसी तरह जवाहर चना-24 भी बेहतरीन किस्म है. इस किस्म की खासियत है कि इसके पौधे काफी लंबे होते हैं. ऐसे में इसकी कटाई किसान भाई हार्वेस्टर मशीन से भी कर सकते हैं. ऐसे चने के झाड़ की लंबाई 45 से 50 सेंमी के बीच होती है, लेकिन जवाहर चने के झाड़ 24 से 65 सेंमी लंबे होते हैं. साथ ही यह किस्म 100 से 115 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. वहीं, इसका तना भी मजबूत होता है, ऐसे में तेज आंधी में फसलों की बर्बादी नहीं होती है.
चने की विशाल किस्म
चने की इस किस्म का आकार बड़ा और गुणवत्तापूर्ण होता है। ये चने की सर्वश्रेष्ठ किस्म मानी जाती है। इस किस्म की बुवाई का समय 20 अक्टूबर से नवंबर का प्रथम पखवाड़ा तक बताया गया है। चना की विशाल किस्म 110 से 115 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसमें फूल आने का समय 40 से 45 दिन का होता है। चने की इस किस्म से करीब 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।