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Cotton: कपास के भावों में आ सकती है तेजी, बारिश के कारण 2 राज्यों में फसल खराब

Cotton Production :देश में इस साल कपास का रकबा पिछले साल की तुलना में कम है। क्योंकि पिछले वर्ष गुलाबी सुंडी के प्रकोप की वजह से किसानो को काफ़ी नुकसान हुआ था। इसके डर से इस बार किसानों ने कपास की खेती बहुत कम क्षेत्रफल में की है।  रकबा घटने की वजह से और भारी बारिश के चलते कपास के उत्पादन में इस बार काफी गिरावट देखी जा सकती है। इसलिए भाव में उत्तल आने की आशंका जताई जा रही है।

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Cotton: कपास के भावों में आ सकती है तेजी, बारिश के कारण 2 राज्यों में फसल खराब

Cotton Prices : देश में इस बार कपास उत्पादक राज्यों में भारी बारिश के चलते किसानों को कपास की फसल में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। देश में कपास के बुवाई के आंकड़े पहले से ही कमजोर है। जिसके चलते कपास के भाव में बढ़ोतरी होने की आशंका जताई जा रही है। पिछले 1 महीने में कपास के भाव में करीबन 6% बढ़ोतरी हुई है।

कपास उत्पादक प्रमुख राज्य गुजरात और महाराष्ट्र में सितंबर महीने में हुई भारी बरसात के कारण कपास की फसल पर काफी गहरा असर पड़ा है। इसी बीच कपास के उत्पादन में गिरावट देखने को मिल सकती है। CIA के अनुसार 2023-24 के लिए भारत का कपास उत्पादन और खपत दोनों लगभग 325 लाख गांठ होने की आशंका है। जिसमें निर्यात 28 लाख गांठ और आयत 13 लाख गांठ होगा। जिसके चलते कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी होगी।

फिर लाल बाजार में कपास के दाम 29 हजार रुपए प्रति कैंडी के करीब पहुंच चुके हैं जो पिछले महीने 27 हजार रुपए के आस-पास थे। मानसून के शुरुआत में कॉटन 29 एमएम का भाव 26,663 रूपए प्रति कैंडी थे। लगातार कीमतों में हो रही बढ़ोतरी की वजह आपूर्ति में कमी और बुवाई का काम रकबा है।

गुजरात और महाराष्ट्र में मिली जानकारी के मुताबिक इस वर्ष 20-25 फीस दी कपास की फसल का नुकसान हुआ है। गुजरात और महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में अभी भी खेतों में पानी भरा है, खेतों से पानी निकालने के बाद हुए नुकसान का सही आकलन किया जा सकेगा। कपास के कारोबारी के मुताबिक इस वर्ष कपास की बुवाई का रकबा 110.49 लाख हेक्टर है जो पिछले साल 121.24 हेक्टेयर था। पिछले साल की तुलना में बुवाई का रकबा इस वर्ष जो फीसदी कम है। इसलिए कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया को उम्मीद है कि इस साल कपास की कुल खेती का रकबा करीबन 113 लाख हेक्टेयर रहेगा। क्योंकि काफी किस कम पैदावार और उच्च उत्पादन लागत के कारण दूसरी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। साथ ही पिछले वर्ष गुलाबी सुंडी के प्रकोप से हुए नुकसान भी वजह है।

आंकड़ों के मुताबिक खरीफ सीजन 2023-24 में देश भर में कपास की बुवाई का रकबा 124.69 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था। इसमें गुजरात 26.83 लाख हेक्टेयर के साथ दूसरे स्थान पर रहा और महाराष्ट्र 42.34 हेक्टेयर के साथ पहले स्थान पर रहा है। वहीं तेलंगाना 18.18 हेक्टेयर के साथ चौथे स्थान पर रहा।

इस वर्ष गुजरात में करीबन 90.60 लाख गांठ महाराष्ट्र में 80.45 लाख गांठ, तेलंगाना में 50.80 लाख गांठ, राजस्थान में 26.22 लाख गांठ और कर्नाटक में 20.47 लाख गांठ कपास उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है। एक गांठ में 170 किलोग्राम कपास होती है।