Cotton: मुहूर्त पर महंगी बिकी कपास, आ सकती है बड़ी तेजी, जानें कितना पहुंच सकता है टॉप भाव
Madhya Pradesh News : दिन रात मेहनत करके किसान अपनी फसल पकाते है। मेहनत और मजदूरी के बाद किसानों को उम्मीद होती है कि उनकी फसलों के भाव अच्छे मिले। लेकिन इस बार किसानों की उम्मीद पुरी होती हुई नजर आ रही है। किसानों को अच्छी आमदनी होने वाली है। इस बार केंद्र सरकार की तरफ से कपास का समर्थन मूल्य 7500 निर्धारित किया गया है।

Madhya Pradesh Cotton Market Rate: किसानों को इस बार अपनी सूखी फसल का उम्मीद से ज्यादा भाव मिलने के आसार हैं। मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी कपास मंडी का शुभ मुहूर्त किया गया है। मध्य प्रदेश के खरगोन में देश की सबसे बड़ी कपास मंडी मौजूद है। सोमवार को इस खरगोन मंडी में फसल खरीदी का शुभ मुहूर्त हुआ। किसान भाई अपना सफेद सोना लेकर मंडियों में पहुंचे हैं। किसानों को पहले दिन उम्मीद से ज्यादा अपनी फसल का भाव मिला है। बारिश के चलते किसानों की कपास की फसल में नमी मौजूद है। लेकिन बता दें कि किसानों की कपास की फसल नमी के बावजूद भी अच्छी कीमत पर बिक रही है।
भाव और ज्यादा बढ़ने वाले है
मध्य प्रदेश की खरगोन मंडी फसलों की खरीदी का शुभ मुहूर्त पूर्व राज्य मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक बालकृष्ण पाटीदार, मंडी अध्यक्ष प्रशासनिक अधिकारियों और किसानों की मौजूदगी में किया गया है। मंडी के मुहूर्त के समय कपास के भाव अच्छे मिले हैं। किसानों को उम्मीद जगी है कि इस साल सुखी कपास के भाव और ज्यादा बढ़ने वाले हैं।
कपास समर्थन मूल्य भी निर्धारित
मुहूर्त के दिन कपास में नमी थी, लेकिन किसानों ने 7,405 रुपये प्रति क्विंटल का अच्छा भाव प्राप्त किया। पिछले साल की तुलना में इस बार की शुरुआत अच्छी है। किसानों को इस साल सूखी फसल का भाव 10,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचने की उम्मीद है, जो पिछले साल 6,481 रुपये प्रति क्विंटल था। इस साल केंद्र सरकार ने 7,500 रुपये का कपास समर्थन मूल्य भी निर्धारित किया है। दीपावली के आसपास सरकारी खरीदी (सीसीआई) शुरू होने की संभावना है।
पहले दिन, आनंद नगर की खरगोन की कपास मंडी में कपास का अधिकतम भाव 7,885 रुपये प्रति क्विंटल और न्यूनतम भाव 3,000 रुपये रहा। इस मुहूर्त पर मंडी में व्यापारी और किसान उत्साहित थे। मध्य प्रदेश में सफेद सोने का सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र खरगोन है। यहां का कपास विदेशों में भेजा जाता है। यहां की सबसे बड़ी मंडी होने से खरगोन के अलावा बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर और धार जिलों से भी किसान आते हैं।
जिले में 2.18 लाख हेक्टेयर कपास की खेती
इस साल खरगोन जिले में 2.18 लाख हेक्टेयर कपास की खेती की गई है। खरगोन की कपास मंडी लगभग 28 एकड़ में फैली है, जहां 600 से अधिक वाहनों और बैलों को खड़ा किया जा सकता है। पूरे राज्य में किसानों ने कपास मंडी को अपनी सुविधाओं और आकार के कारण पहली पसंद किया है। आपको बता दे की 16 सितंबर से खरगोन की कपास मंडी में नीलामी प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है. किसान उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में कपास के भाव और बेहतर होंगे, जिससे उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा.
खरगोन मंडी में पिछले वर्षों में कपास की आवक और उसके भाव
वर्ष |
आवक (क्विंटल) | न्यूनतम भाव (रु./क्विंटल) | अधिकतम भाव (रु./क्विंटल) |
2019-20 | 11,08,495 | 1,500 | 6,340 |
2020-21 | 10,03,449 | 1,700 | 7,000 |
2021-22 | 7,58,198 | 4,178 | 9,731 |
2022-23 | 7,13,484 | 5,000 | 9,582 |
2023-24 | 11,22,238 | 2,350 | 8,015 |