गेहूं की फसल को हानि पंहुचा सकता है पाला, बचाने के लिए इन टिप्स को अपनाएं
Agriculture News : सर्दी लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में किसान अपनी फसलों से अच्छा उत्पादन पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ठंड में गेहूं की फसल को पाले से कैसे बचा सकते हैं।

Farming News : सर्दी लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में किसान अपनी फसलों से अच्छा उत्पादन पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ठंड में गेहूं की फसल को पाले से कैसे बचा सकते हैं। उत्तराखंड के नैनीताल जिले के गौलापार के किसान ने बताया कि ठंड के दौरान किसान को अपनी फसलों में हल्का पानी देना चाहिए, तो पाले का असर कम हो जाएगा। साथ ही सूखी घास या गोबर के उपले भी चूल्हे में जलाकर धुआं करना चाहिए। इसके अलावा किसान एक लीटर सल्फ्यूरिक एसिड को 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ फसल में छिड़काव कर सकते हैं और 15 दिन बाद भी इसका प्रयोग जारी रख सकते हैं।
उन्होंने बताया कि पाले के प्रभाव को कम करने के लिए खेतों में हल्की सिंचाई करें। यह फसल के तापमान को स्थिर बनाए रखता है। इसके अलावा खेतों के चारों ओर घास या कचरे का ढेर जलाने से भी पाले का असर कम किया जा सकता है। ठंड के मौसम में धुआं करने का यह पारंपरिक तरीका बेहद प्रभावी साबित होता है।
सिंचाई का करें सही प्रबंधन
मनोज रावत ने कहा कि ठंड के मौसम में फसल को पीला होने से बचाने के लिए सिंचाई का सही प्रबंधन बेहद जरूरी है। बारिश के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए सिंचाई करें और खेत में अत्यधिक पानी जमा होने से बचें। जिन क्षेत्रों में बारिश नहीं हुई है, वहां हल्की सिंचाई करें ताकि शीतलहर और पाले से फसल को नुकसान न हो।
पाला फसलों को कैसे पहुंचाता है नुकसान?
पाले के प्रभाव से पेड़-पौधों की कोशिकाओं व ऊतकों में मौजूद पानी के बर्फ में बदल जाने के कारण इसका वॉल्यूम बढ़ जाता है। वॉल्यूम बढ़ने के कारण पौधे के ऊतक, कोशिकाएं व संवहनी नलिकाएं आदि फट जाती हैं और इससे पौधा मर जाता है। कई बार तो पाले के कारण पूरी की पूरी फसल खराब हो जाती है।