Garlic Price: फुटकर में लहसुन बिक रहा 300 रुपए किलो, बढ़ा भाव किसानों के चेहरे पर लाया मुस्कान
Garlic Farming Profit In India :पिछले दिनों से लहसुन के भाव में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसके कारण लहसुन की खेती करने वाले किसान पूरी तरह से खुश है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में लहसुन के भाव में और उछाल देखने को मिल सकता है।
Benefits Of Garlic Farming : लहसुन एक ऐसी चीज है जिसके बिना सब्जी में कोई स्वाद नहीं रहता है। सब्जी के साथ-साथ लहसुन की बीमारियों के लिए भी लाभदायक होता है। इसी बीच मांग बढ़ने के कारण पिछले कुछ दिनों से लहसुन के भाव में तेजी देखने को मिल रही है। लहसुन के बढ़ते भाव को देखकर लहसुन की खेती करने वाले किसान पूरी तरह से खुश है। क्योंकि इतनी मेहनत करने के बाद भी अगर उन्हें अच्छा दाम नहीं मिले तो उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
उत्तर प्रदेश के इटावा में लहसुन का भाव 2500 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। हालांकि बाजार में सब्जी विक्रेता 300 प्रति किलो लहसुन की बिक्री कर रहे हैं। पिछले तीन सालों से लहसुन की कीमतों में मंदी के बाद इस वर्ष अच्छी कीमत किसानों के लिए सौगात लेकर आई है। बढ़ते भाव को देखकर किसानों में लहसुन की खेती करने के लिए रुचि फिर से बढ़ने लगी है। इस साल इटावा के पचार इलाके में लहसुन की खेती काम की गई थी, फिर भी भाव मैं तेजी आई है। इस वजह से किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है।
मध्य प्रदेश तथा राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों में लहसुन की खेती की ज्यादा पैदावार के कारण कीमतों में गिरावट आ गई थी। जिससे किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा। इस बार अच्छी कीमतों ने किसानों को आर्थिक राहत दी है। लहसुन के कारोबार से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि इस बार लहसुन के दाम और भी उनसे जा सकते हैं। जिस वजह से किसानों को और ज्यादा फायदा मिल सकता है।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में स्थित घिरोर मंडी लहसुन की सबसे बड़ी मंडी मानी जाती है। इटावा मंडी तथा ऊसराहार इलाके भी लहसुन के व्यापार में अहम भूमिका निभाते हैं। यहां से लहसुन देशभर की अनेकों मंदिरों में भेजा जाता है। लहसुन की खेती करने में अन्य फसलों की तुलना में किसानों को अधिक खर्च तथा ज्यादा मेहनत लगानी पड़ती है। एक बीघा खेती में किसानों को लगभग 3 हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं।