बारिश के इस मौसम में सरसों की फसल में ये रोग लगने का खतरा, ऐसे करें बचाओ
Mustard Crop : ठंडी व बारिश और कोहरे के कारण सरसों की फसल में इस रोग के लगने का खतरा बढ़ गया है। कड़ाके की ठंड से आम जन-जीवन प्रभावित है और फसलों को भी नुकसान हो रहा है। इस बार रबी फसल की पैदावार अच्छी है, लेकिन ठंड नुकसान कर सकती है , बचाने के लिए करें ये उपाये...
Mustard Crop Winter Protection : सरसों रबी की प्रमुख तिलहन फसल है। इस फसल का देश की अर्थव्यवस्था में विशेष स्थान है। सर्दियां चल रही हैं और इन दिनों कई राज्यों में सरसों की फसल के ऊपर कई रोग का प्रकोप देखने को मिल रहा है।
दरअसल, लगातार पड़ रही कड़ाके की सर्दी और कोहरे के कारण सरसों की फसल पर कीट का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इससे सरसों की फसल की पैदावार को लेकर किसान चिंतित हैं। इस समस्या से बचने का सबसे जरूरी उपाय है कीटों की पहचान।
सरसों की फसल के लिए लाही कीट (Aphid) गंभीर खतरा है। ये छोटे भूरे या काले रंग के कीट पौधों का रस चूसकर उनके विकास को बाधित कर देते हैं। जब लाही कीट पौधों का रस चूसते हैं तो पौधों की पत्तियां धीरे-धीरे मुरझाने लगती हैं और सिकुड़ जाती हैं। इससे पौधों की वृद्धि रुक जाती है और पौधे कमजोर हो जाते हैं। इससे फलियों में दाने नहीं बन पाते हैं, जिससे फसल का उत्पादन भारी मात्रा में कम हो जाता है।
लाही कीट से बचाव के लिए किसानों को 10 हजार ppm का नीम का तेल लेकर प्रति एक लीटर पानी के हिसाब से एक शैंपू डाल कर सरसों की फसल पर छिड़काव करें। छिड़काव दोपहर दो बजे करें।
क्या बोले विशेषज्ञ
कृषि एक्सपर्ट ने बताया की लाही कीट कई नामों से जाना जाता है। ये कीट उस अवस्था में ज्यादा नुकसानदायक होता है जब सरसों पर फूल आते हैं और फली बनने लगती है। लाही कीट पौधे पर सैकड़ों की संख्या में बच्चे देते हैं। इसकी संख्या बहुत तेजी से गुच्छों के रूप में बढ़ती है और ये फूलों का रस चूस लेता है जिससे पौधा बांझ हो जाता है।
न डालें रासायन
एक्सपर्ट के अनुसार, अगर किसान भाई को किसी पौधे में इसका असर ज्यादा दिखाई दे रहा है तो उस पौधे को तोड़कर जमीन में दबाकर नष्ट कर दें। दूसरा उपाय है 10 हजार ppm के नीम के तेल का छिड़काव। रासायनिक दवाइयों का इस्तेमाल न करें। सरसों के खेत में रासायनिक दवाइयों का इस्तेमाल करने से उसका कुछ अंश तेल में भी चला जाता है जो स्वास्थ को लिए घातक है।