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फसलों को कीट पतंगों से बचाने का देसी कारगर उपाय, बिना खर्च के घर पर करें तैयार

Desi Pesticides :बरसात के दो महीनो में फसलों में बीमारियों का खतरा अत्यधिक बढ़ता जाता है। ऐसे में किसान इन बीमारियों से निपटने के लिए लगातार कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करते हैं। जिसका हमारे मानव जीवन पर है काफी गहरा असर पड़ता है। इसकी वजह से नई-नई बीमारियां पैदा हो रही है। ऐसे में किसानों को रासायनिक खेती छोड़ जैविक खेती की तरफ ध्यान देना चाहिए, इसके लिए सरकार लगातार सहायता कर रही है।

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फसलों को कीट पतंगों से बचाने का देसी कारगर उपाय, बिना खर्च के घर पर करें तैयार

Make Pesticides from Neem Leaves : खरीफ सीजन में बोई गई सभी फसले फाल आने की कगार पर है। ऐसे में फसलों पर बीमारियों का खतरा काफी मंडराने लगता है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक किसान इन बीमारियों से निपटने के लिए रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग की जगह जैविक कीटनाशक ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर सकते हैं। जो फसलों में आने वाली बीमारियों को नियंत्रण आसानी से कर सकता है। तथा इसका मानव जीवन पर कोई गहरा असर नहीं पड़ता है।

ब्रह्मास्त्र किसानो किसानों के लिए बेहद कम कीमत में बेहद कारगर साबित होता है। इसके प्रयोग करने वाली फसल पौष्टिकता से भरपूर होती है। तथा मानव जीवन को प्रभावित करने वाले बीमारियों से बचने का काम करती है। वैसे अगर हम बात करें तो ब्रह्मास्त्र के दो फायदे हैं, पहले तो यह किसानों को  बजट में पड़ता है, और दूसरा फसल में लगने वाले किटों बड़ी सुंडी और झिल्लियों को आसानी से नष्ट कर देता है।

तैयार करने की विधि

किसान ब्रह्मास्त्र को तैयार करने के लिए 10 लीटर गोमूत्र तथा 2 लीटर नीम का तेल ,  2 किलोग्राम सीताफल व धतूरे के पते, 500 ग्राम हल्दी पाउडर, 10 किलोग्राम गाय के गोबर की खाद, 1 किलोग्राम तंबाखू को अच्छी तरह पीसकर पाउडर बना ले। इसके बाद एक बर्तन में डालकर धीमे आंच पर 2-3 उबाल आने तक पकाएं। उसके बाद इसे 2 दिन तक ठंडा होने के लिए छोड़ दे. ठंडा होने के बाद किसी कपड़े की मदद से छान कर दूसरे बर्तन में रख ले और बाद में जरूरत पड़ने पर 100 लीटर पानी में ढाई लीटर ब्रम्हास्त्र मिलाकर घोल तैयार कर फसलों पर छिड़काव कर दें।

ब्रह्मास्त्र घोल का रखरखाव

एक्सपर्ट के के मुताबिक तैयार किया हुआ ब्रह्मास्त्र किसी बर्तन में भरकर छाया में रख दें। इसका का उपयोग 6 महीने तक किया जा सकता है। ब्रह्मास्त्र प्रयोग करने से फलों और सब्जियों की फसलों में पौष्टिकता  भरपूर मात्रा में बनी रहती है। साथ ही फसल में गुणवत्ता भी लंबे समय तक बनी रहती है।